Question:

'तुमुल' खण्डकाव्य के आधार पर प्रतिनायक का चरित्र-चित्रण कीजिए । 
 

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प्रतिनायक का चरित्र-चित्रण करते समय उसके नकारात्मक गुणों (जैसे- अहंकार) के साथ-साथ उसके सकारात्मक गुणों (जैसे- वीरता, पितृ-भक्ति) का भी उल्लेख करें। इससे चरित्र-चित्रण संतुलित होता है।
Updated On: Nov 11, 2025
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Solution and Explanation

'तुमुल' खण्डकाव्य का प्रतिनायक रावण-पुत्र मेघनाद (इन्द्रजीत) है। उसकी चारित्रिक विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
महान पराक्रमी योद्धा: मेघनाद एक अद्वितीय वीर है। उसने अपने पराक्रम से देवराज इन्द्र को भी जीत लिया था, इसीलिए उसका नाम 'इन्द्रजीत' पड़ा। वह राम और लक्ष्मण को भी युद्ध में कड़ी टक्कर देता है।
मायावी शक्तियों का स्वामी: वह तंत्र-मंत्र और मायावी युद्ध-कला में निपुण है। वह अदृश्य होकर युद्ध करता है और नागपाश जैसी शक्तियों का प्रयोग करता है।
पितृ-भक्त: वह अपने पिता रावण का परम भक्त है। पिता की आज्ञा का पालन करना वह अपना परम कर्तव्य समझता है और लंका की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा देता है।
अहंकारी और घमंडी: अपनी शक्तियों पर उसे बहुत घमंड है। वह राम और लक्ष्मण को साधारण मनुष्य समझकर उनका उपहास करता है।
कर्तव्यनिष्ठ: वह एक कर्तव्यपरायण पुत्र और योद्धा है। जब लंका पर संकट आता है, तो वह अपने सभी भोग-विलास को त्यागकर युद्ध-भूमि में उतरता है।
यद्यपि वह अधर्म के पक्ष में है, फिर भी मेघनाद का चरित्र वीरता, पितृ-भक्ति और कर्तव्य-निष्ठा जैसे गुणों से युक्त है।
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