संस्कृत गद्यांश का हिन्दी में अनुवाद कीजिए: धन्येयं भारतभूमिर्यत्र साधुजनानां परित्राणाय दुष्कृताञ्च विनाशाय सृष्टिस्थितिलयकर्ता परमात्मा स्वयमेव कदाचित् रामः कदाचित् कृष्णश्च भूत्वा आविर्बभूवा त्रेतायुगे रामो धनुर्भृत्वा विपथगामिनां राक्षसानां संहारं कृत्वा वर्णाश्रमव्यवस्थामरक्षत् । द्वापरे कृष्णो धर्मध्वंसिनः कुनृपतीन् उत्पाट्य धर्ममत्रायत । सैषा स्थितिः यदा कलौ समुत्पन्ना बभूव, तदा नीललोहितः भवगवान् शिवः शङ्कररूपेण पुनः प्रकटीबभूव ।
संस्कृत में अनुवाद कीजिए :तुम सबको पुस्तक पढ़नी चाहिए ।
संस्कृत में अनुवाद कीजिए :बालक चटाई पर बैठता है ।
संस्कृत में अनुवाद कीजिए :छात्र अध्यापक से संस्कृत पढ़ते हैं ।
संस्कृत में अनुवाद कीजिए :राम गाँव में रहता है।
संस्कृत में अनुवाद कीजिए :सीता गीत गाएगी ।