Question:

‘शिरीष के फूल’ निबंध के आधार पर शिरीष के अद्भुत रूप को देखकर लेखक के मन में उठी तरंगों के उद्दंड को स्पष्ट कीजिए।

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ऐसे भावात्मक प्रश्न में ‘उद्दंड’ को लेखक के भीतर के प्रश्न और भावनाओं से जोड़ें।
Updated On: Jul 31, 2025
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Solution and Explanation

‘शिरीष के फूल’ निबंध में लेखक ने शिरीष वृक्ष के सौंदर्य को देखकर मन में कई प्रकार की भावनाएँ और प्रश्न उठते देखे हैं। लेखक को शिरीष का कोमल, झरता और खिलता हुआ रूप अत्यंत अद्भुत लगता है।
लेखक के मन में यह उद्दंड उठता है कि इतना कोमल और सुंदर फूल हवा के झोंकों में झरकर बिखर क्यों जाता है — क्या इसकी नाजुकता ही इसकी सबसे बड़ी ताकत है ?
लेखक सोचता है कि शिरीष फूल अपनी कोमलता में ही जीवन का संदेश छुपाए हुए है कि शक्ति केवल कठोरता में नहीं, बल्कि कोमलता में भी होती है।
शिरीष के फूल लेखक के मन में कोमलता, संघर्ष और जीवन की क्षणभंगुरता को लेकर गहन विचार उत्पन्न करते हैं। यह उद्दंड लेखक को प्रकृति के अद्भुत रहस्यों पर सोचने के लिए प्रेरित करता है।
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