Question:

“सरोज-स्मृति” कविता के माध्यम से निराला का जीवन संघर्ष प्रकट हुआ है। कथन की पुष्टि कीजिए। 
 

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“सरोज-स्मृति” कविता शोक को दर्शन में परिवर्तित करने का उदाहरण है।
Updated On: Jul 24, 2025
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Solution and Explanation

“सरोज-स्मृति” महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला द्वारा लिखी गई एक मार्मिक कविता है, जिसमें उन्होंने अपनी पुत्री सरोज की मृत्यु पर गहन पीड़ा, आत्ममंथन और जीवन-संघर्ष को व्यक्त किया है।
(1) यह कविता केवल शोक नहीं, बल्कि कवि के जीवन की करुण गाथा है।
(2) इसमें गरीबी, पारिवारिक व्यथाएँ, सामाजिक असंवेदनशीलता और कवि के अंतर्मन की वेदना उजागर होती है।
(3) निराला अपने जीवन के संघर्षों को सरोज की स्मृति में व्यक्त करते हैं — “वह नहीं रही, मैं क्या करूँ?”
(4) कविता आत्मालोचना और जीवन के प्रति उनके विद्रोही दृष्टिकोण को दर्शाती है।
(5) यह रचना उनके संपूर्ण जीवन-दर्शन का प्रतिनिधित्व करती है।
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