Question:

रस के कितने अंग होते हैं ? 
 

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रस के चारों अंगों के नाम - स्थायी भाव, विभाव, अनुभाव, संचारी भाव - को क्रम से याद कर लें। यह हिन्दी काव्यशास्त्र का आधारभूत प्रश्न है।
Updated On: Nov 11, 2025
  • पाँच
  • चार
  • तीन
  • इनमें से कोई नहीं
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collegedunia
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The Correct Option is B

Solution and Explanation

Step 1: Understanding the Question:
प्रश्न में रस के अंगों (अवयवों) की संख्या पूछी गई है।
Step 2: Key Concept:
काव्यशास्त्र के अनुसार, रस के चार अंग माने गए हैं।
Step 3: Detailed Explanation:
रस के चार अंग निम्नलिखित हैं:
स्थायी भाव: हृदय में स्थायी रूप से विद्यमान रहने वाले भाव।
विभाव: स्थायी भाव को जगाने वाले कारण (आलम्बन और उद्दीपन)।
अनुभाव: स्थायी भाव के जाग्रत होने पर होने वाली शारीरिक चेष्टाएँ।
संचारी (या व्यभिचारी) भाव: मन में आने-जाने वाले क्षणिक भाव।
इन चारों के संयोग से ही रस की निष्पत्ति होती है। अतः रस के चार अंग होते हैं।
विकल्प (B) सही है।
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