Question:

जो सुमिरत सिधि होइ, गननायक करिबर बदन। करउ अनुग्रह सोइ, बुद्धि रासि सुभ गुन सदन।।" उपर्युक्त पंक्तियों में प्रयुक्त छंद है : 
 

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मात्रा गणना का अभ्यास करें। नियमों को याद रखें: ह्रस्व स्वर (अ, इ, उ, ऋ) लघु (1 मात्रा) होते हैं। दीर्घ स्वर (आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ), अनुस्वार (अं) या विसर्ग (अः) वाले स्वर, और संयुक्त व्यंजन से पहले का लघु स्वर गुरु (2 मात्राएँ) होते हैं।
Updated On: Nov 10, 2025
  • सोरठा
  • दोहा
  • रोला
  • कुण्डलिया
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

चरण 1: प्रश्न को समझना:
प्रश्न में दी गई पंक्तियों में 'छंद' की पहचान करने के लिए कहा गया है।
चरण 2: मुख्य अवधारणा:
सोरठा: यह एक अर्धसम मात्रिक छंद है। यह दोहे का उल्टा होता है।
- इसमें 4 चरण होते हैं।
- पहले और तीसरे चरण (विषम चरण) में 11-11 मात्राएँ होती हैं।
- दूसरे और चौथे चरण (सम चरण) में 13-13 मात्राएँ होती हैं।
- तुक आमतौर पर पहले और तीसरे चरण में होती है।
चरण 3: विस्तृत व्याख्या (मात्रा गणना):
आइए मात्राओं की गणना करें (S गुरु/दीर्घ स्वर=2 के लिए, I लघु/ह्रस्व स्वर=1 के लिए)।
पंक्ति 1:
- प्रथम चरण: जो(S) सु(I)मि(I)रत(III) सि(I)धि(I) हो(S)इ(I) = 2+1+1+1+1+1+1+2+1 = 11 मात्राएँ।
- द्वितीय चरण: ग(I)न(I)ना(S)य(I)क(I) क(I)रि(I)ब(I)र(I) ब(I)द(I)न(I) = 1+1+2+1+1+1+1+1+1+1+1+1 = 13 मात्राएँ।
पंक्ति 2:
- तृतीय चरण: क(I)र(I)उ(I) अ(I)नु(I)ग्र(S)ह(I) सो(S)इ(I) = 1+1+1+1+1+2+1+2+1 = 11 मात्राएँ।
- चतुर्थ चरण: बु(I)द्धि(I) रा(S)सि(I) सु(I)भ(I) गु(I)न(I) स(I)द(I)न(I) = 1+1+2+1+1+1+1+1+1+1+1+1 = 13 मात्राएँ।
पैटर्न 11-13, 11-13 है, जो एक सोरठा की परिभाषा है।
चरण 4: अंतिम उत्तर:
मात्रा गणना पुष्टि करती है कि छंद सोरठा है।
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