निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:
रंगमंच की दुनिया में मोबाइल थियेटर अबूझा नाम नहीं और असम में तो ये मनोरंजन का दूसरा नाम है। देश ही नहीं दुनिया भर में अपनी तरह का अनोखा, चलता-फिरता रंगमंच जो खानाबदोश जिंदगी जीता है। जिसका आज यहाँ ठौर, तो कल वहाँ ठिकाना इसलिए इसे भ्रमण थियेटर भी कहते हैं।
असम में फिल्मों से ज्यादा मोबाइल थियेटर लोकप्रिय है। असम के लेखकों और कलाकारों के लिए ये थियेटर किसी संजीवनी से कुछ कम नहीं हैं। ट्रकों पर खाने-पीने से लेकर स्टेज, कुर्सी, पोशाक, तकनीकी उपकरणों समेत सारे सामानों से लदकर ये आठ से नौ महीनों तक राज्य के अलग-अलग हिस्सों में लगातार प्रदर्शन करते हैं। रूपरेखा भले ही नाटक की हो, पर इसका स्टाइल पूरा फिल्मी है। फिल्मों की तरह इन थियेटरों में दिखाए जाने वाले नाटकों का भी बैनर, पोस्टर लगाकर खूब प्रचार होता है।
थियेटर शब्द सुनकर आमतौर पर गंभीर विषयवस्तु और श्वेत-श्याम स्टेज के नाटकों का खाका मस्तिष्क में उभरता है। ये घुमक्कड़ रंगमंच मंचन भले ही नाटकों का करते हैं, लेकिन इनमें पटकथा से लेकर नाच-गाना, एक्शन, इमोशन हर तरह का फिल्मी मसाला होता है। अभिनय और प्रस्तुति के मामले में यहाँ मनोरंजन से कोई समझौता नहीं होता।
टी.वी., केबल चैनलों और नई तकनीकों का इसके बाज़ार पर भी असर पड़ा है। बाज़ार और तकनीकी चहलकदमी ने इसका रूप ही नहीं रुख भी बदल दिया है लेकिन फिर भी इंटरनेट की तकनीकी आँधी इसके तंबू को उखाड़ नहीं पाई है। इसकी वजह है इसकी विविधता में वास्तविकता। पुरानी लाइटिंग, साउंड, तकनीकी उपकरणों के बावजूद इनके सेट एकदम असली लगते हैं और उस पर कलाकारों की जीवंत और उम्दा प्रस्तुति की तो बात ही क्या ! अपनी मौलिकता की वजह से समय की रेत पर यह आज भी अपनी पहचान के साथ स्थिर खड़ा है।
मोबाइल थ्योटर वह है जो मोबाइल उपकरणों की सहायता से बनाया और प्रस्तुत किया जाता है। यह एक नया और आधुनिक तरीका है जो कलाकारों और लेखकों को उनके प्रदर्शन को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने के लिए मोबाइल के माध्यम से मंच प्रदान करता है।
मोबाइल थ्योटर के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा/सही कथन है?
(I) मोबाइल थ्योटर फिल्मी मसालों से जुड़ा होता है।
(II) मोबाइल थ्योटर असम में मनोरंजन का एकमात्र साधन है।
(III) बाज़ारवाद और तकनीक का प्रभाव मोबाइल थ्योटरों पर भी पड़ा है।
कथन (I) सही है क्योंकि मोबाइल थ्योटर में फिल्मी मसाले होते हैं, जो दर्शकों को आकर्षित करने के लिए बनाए जाते हैं।
कथन (III) भी सही है क्योंकि बाज़ारवाद और तकनीकी विकास ने मोबाइल थ्योटर पर अपना प्रभाव डाला है।
कथन (II) गलत है क्योंकि मोबाइल थ्योटर असम में मनोरंजन का केवल एक साधन नहीं है, बल्कि यह अन्य प्रकार के मनोरंजन के साथ प्रतिस्पर्धा करता है।
मोबाइल थ्योटर पारंपरिक थ्योटर से भिन्न है क्योंकि यह आधुनिक तकनीक का उपयोग करता है और इसे कहीं भी स्थापित किया जा सकता है, जिससे यह अधिक लचीलापन और व्यापक पहुंच प्रदान करता है। पारंपरिक थ्योटर स्थिर स्थान पर आधारित होता है।
'प्रेम सबको जोड़ता है।' 'तंतर-वादियों' कथा के आधार पर इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
जलवायु परिवर्तन के साथ जैसे-जैसे मौसम का 'पैटर्न' समुद्र के स्तर को प्रभावित कर रहा है, नदी प्रणालियों में भूकम्प से होने वाले महाविनाशकारी परिवर्तनों को समझना अपरिहार्य हो चला है। धरती लगातार हिल रही है। पहाड़ों में दरारें पड़ रही हैं। नदियाँ वैसे भी, विशेष रूप से मार्ग और प्रवाह में परिवर्तन के प्रति संवेदनशील होती हैं। भूकम्प से नदी मार्ग में परिवर्तन के विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं, जिससे संपत्ति, कृषि और बुनियादी ढाँचे को भारी नुकसान पहुँच सकता है। हाल में, जब अध्येताओं की एक टीम ने ढाका से सौ किलोमीटर दक्षिण में नदी की पुरानी मुख्यधारा खोजने के लिए सैटेलाइट चित्रों का इस्तेमाल किया तो उस इलाके में भूकम्पीय संकेत चिह्न मिले। इस क्षेत्र में गंगा और ब्रह्मपुत्र की प्लेटें करीब होने से यहाँ अकसर तेज भूकम्प आते रहे हैं। डेल्टा वाले नदी क्षेत्र में उच्च तीव्रता का भूकम्प आने पर प्रवाह का रास्ता पूरी तरह बदल सकता है। वहाँ तबाही इसलिए बहुत भयावह होगी, क्योंकि अब उस क्षेत्र में लाखों की घनी बसावट है।
भूकम्पीय गतिविधियों और नदियों के प्रवाह पर बारीक नजर रखे हुए वैज्ञानिक लगातार ऐसे जोखिम वाले तमाम वैश्विक क्षेत्रों की पहचान करने में जुटे हैं। सब कुछ के बावजूद, किसी भूकम्प के सटीक मापदंडों या किसी भी क्षण नदी के बहाव के बारे में पूर्वानुमान लगाना असंभव है।
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए बहुविकल्पी प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उचित विकल्प चुनकर दीजिए:
दुनिया कैसे वजूद में आई? पहले क्या थी? किस बिंदु से इसकी यात्रा शुरू हुई? इन प्रश्नों के उत्तर विज्ञान अपनी तरह से देता है, धार्मिक ग्रंथ अपनी-अपनी तरह से। संसार की रचना भले ही कैसे हुई हो लेकिन धरती किसी एक की नहीं है। पंछी, मानव, पशु, नदी, पर्वत, समंदर आदि की इसमें बराबर की हिस्सेदारी है। यह और बात है कि इस हिस्सेदारी में मानव जाति ने अपनी बुद्धि से बड़ी-बड़ी दीवारें खड़ी कर दी हैं। पहले पूरा संसार एक परिवार के समान था अब टुकड़ों में बँटकर एक-दूसरे से दूर हो चुका है। पहले बड़े-बड़े दालानों-आँगनों में सब मिल-जुलकर रहते थे अब छोटे-छोटे डिब्बे जैसे घरों में जीवन सिमटने लगा है। बढ़ती हुई आबादियों ने समंदर को पीछे सरकाना शुरू कर दिया है, पेड़ों को रास्तों से हटाना शुरू कर दिया है, फैलते हुए प्रदूषण ने पंछियों को बस्तियों से भगाना शुरू कर दिया है।
पढ़ाई के प्रति बड़े भाई साहब और छोटे भाई की सोच में क्या अंतर था? 'बड़े भाई साहब' पाठ के आधार पर लिखिए।
डायरी का एक पन्ना' पाठ में लेखक द्वारा कई आंदोलनों का उल्लेख हुआ है, जिसमें हम साधारणत: अप्रशिक्षित हैं। इसके पीछे लेखक का क्या दृष्टिकोण हो सकता है?