Comprehension

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

बढ़ती उम्र के साथ हमारे दिमाग का संज्ञानात्मक कौशल, पहचानने और याद रखने की क्षमता मंद पड़ने लगती है। पर यह भी सच है कि हमारे दिमाग में यह क्षमता भी है कि उम्र बढ़ने के साथ वह नया सीख भी सकता है और पुराने सीखे हुए पर अपनी पकड़ बनाए रख सकता है। मेडिकली की भाषा में इसे न्यूरोप्लास्टिसिटी कहते हैं। पर इसके लिए आपको नियमित अध्ययन करना पड़ता है। रचनात्मकता बहुत सारी सूचनाओं के होने से ही नहीं आती। हम तब कुछ रच पाते हैं, जब सूचनाओं को ढंग से समझते हैं और पूर्व ज्ञान से उसे जोड़ पाते हैं। तभी वह हमारे गहन शिक्षण का हिस्सा बन पाती है और लंबे समय तक हम उसे याद रख सकते हैं।

हमारे दिमाग का बड़ा हिस्सा चीजों को उनके दृश्यचित्र व जगह के आधार पर भी याद रखता है। स्क्रीन पर हम लिखे हुए शब्दों को स्क्रॉल करते हुए आगे बढ़ जाते हैं या कुछ मिनटों बाद ही सोशल मीडिया या दूसरे लिंक्स पर चले जाते हैं, जबकि किताब का बहुआयामी दृश्यचित्र और उसमें लिखे शब्द स्थिर होते हैं। मनुष्य व्यक्ति को उस तरह प्रीत नहीं कर पाती जिस तरह प्यार व हमदर्दी से बने रिश्ते। इसलिए स्क्रीन समय के बढ़ते देश परंपरागत पढ़ाई के तौर-तरीकों को आगे बढ़ा रहे हैं। किताबों पढ़ने के बाद हमें अक्सर चीजें, चित्र या स्थान विशेष के साथ याद रहती हैं। लंबी याददाश्त के लिए डिजिटल स्क्रीन की जगह किसी को पढ़ना दिमाग के लिए अधिक बेहतर साबित होता है। समय-समय पर चीजों को दोहराएँ। उत्तम दिमाग को चुनौतियाँ दें। जब दिमाग को नई चुनौतियाँ दी जाएं, वह उत्तम बेहतर कार्य करता है। स्वस्थ्य दिमाग को जीवन का अंग बनाएँ।

Question: 1

कोई भी बात हमारी गहन शिक्षा का हिस्सा कब बन पाती है ?

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MCQ के उत्तर देते समय केवल विकल्प चिन्हित करने के बजाय पाठ से स्पष्ट प्रमाण भी दें — इससे उत्तर अधिक विश्वसनीय बनता है।
  • जब जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाए
  • जब लगातार इच्छा शक्ति से सीखा जाए
  • जब आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाए
  • जब समय से सीखा और अभ्यास किया जाए
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The Correct Option is D

Solution and Explanation

गद्यांश का मुख्य विचार यह है कि किसी भी ज्ञान को दीर्घकालीन रूप से स्मृति में बनाए रखने और उसे जीवन का हिस्सा बनाने के लिए केवल सूचना प्राप्त कर लेना पर्याप्त नहीं होता, बल्कि उसे समय और अभ्यास के साथ दोहराना अनिवार्य होता है।
गद्यांश में लेखक स्पष्ट रूप से कहते हैं कि—
``हम कुछ तो पढ़ पाते हैं, इन सूचनाओं को ढंग से समझने के लिए पहले ज्ञान से उसे जोड़ पाते हैं, तभी वह बात गहन शिक्षा का हिस्सा बन पाती है और लंबे समय तक हम उसे याद रख सकते हैं।''
इसका अर्थ है कि सूचना को ज्ञान में बदलने के लिए उसे अनुभव, पुनरावृत्ति और अभ्यास के साथ जोड़ना ज़रूरी है। केवल पढ़ना या समझना काफी नहीं, जब तक उसे नियमित अभ्यास और अनुभव के साथ नहीं जोड़ा जाए।
प्रश्न विश्लेषण:
प्रश्न पूछता है — ‘‘कोई भी बात गहन शिक्षा का हिस्सा कब बनती है?’’
अब विकल्पों का विश्लेषण करें:
(A) जीवन का हिस्सा बनने से पूर्व उसे अभ्यास और समय चाहिए होता है — अतः यह अंतिम अवस्था है, प्रक्रिया नहीं।
(B) इच्छा शक्ति ज़रूरी है, लेकिन अकेले इससे बात गहन नहीं बनती।
(C) तकनीक सहायक हो सकती है, लेकिन आत्मसात करने के लिए अभ्यास चाहिए।
(D) यह विकल्प सबसे सटीक है क्योंकि लेखक स्वयं कहते हैं कि—
“हमारा मस्तिष्क चुनौती को जितना महसूस करेगा, अभ्यास करेगा, वह उतना बेहतर काम करेगा।”
अतः यह स्पष्ट है कि समय और अभ्यास ही ज्ञान को गहराई तक आत्मसात करने की कुंजी हैं।
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Question: 2

गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित में से कौन-सा कथन \underline{असत्य है ?}

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यदि प्रश्न में ‘असत्य’ पूछा गया हो तो सावधानीपूर्वक सभी विकल्पों को गद्यांश से मिलाकर देखें — बहुत बार विपरीत बात छुपी होती है।
  • रचनात्मकता बहुत सारी सूचनाओं के होने से आती है।
  • स्क्रीन पर पढ़ते समय सोशल मीडिया पर समय व्यर्थ होने की संभावना होती है।
  • हमारा दिमाग चीजों को स्थान विशेष के आधार पर भी याद रखता है।
  • मशीनों में प्रेरणाशक्ति व संबंधों की मधुरता का अभाव होता है।
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

इस प्रश्न में पूछा गया है कि निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गद्यांश के अनुसार असत्य है। गद्यांश में लेखक स्पष्ट रूप से कहता है कि —
‘‘रचनात्मकता बहुत सारी सूचनाओं के होने से ही नहीं आती।’’
इसका अर्थ यह है कि केवल सूचनाओं की अधिकता रचनात्मकता की गारंटी नहीं होती, बल्कि उन सूचनाओं को अनुभव, अभ्यास और जीवन से जोड़ने की आवश्यकता होती है।
अन्य विकल्पों का विश्लेषण:
(B) गद्यांश में स्क्रीन पर पढ़ते समय विचलन (जैसे सोशल मीडिया) का उल्लेख किया गया है, इसलिए यह सत्य है।
(C) लेखक ने स्पष्ट किया है कि मस्तिष्क स्थान विशेष के आधार पर चीज़ें याद रखता है — यह भी सही है।
(D) गद्यांश में यह भी कहा गया है कि मशीनों में प्रेरणाशक्ति और संबंधों की मिठास नहीं होती — यह भी सत्य कथन है।
अतः विकल्प (A) ही गद्यांश के अनुसार असत्य है क्योंकि लेखक ने उसका प्रतिपक्ष प्रस्तुत किया है।
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Question: 3

निम्नलिखित कथन तथा कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उचित विकल्प का चयन कर लिखिए :

कथन : किताबों में पढ़ा हुआ हमें पृष्ठ के स्थान विशेष के साथ याद रहता है।
कारण : किताबों का बहुआयामी रेखाचित्र व शब्द स्थिर होते हैं।

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Assertion-Reason प्रश्नों में यह देखना ज़रूरी है कि कारण कथन को केवल समर्थन करता है या उसकी व्याख्या भी करता है।
  • कथन तथा कारण दोनों ग़लत हैं।
  • कथन ग़लत है, लेकिन कारण सही है।
  • कथन सही है, लेकिन कारण, कथन की ग़लत व्याख्या करता है।
  • कथन तथा कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या करता है।
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The Correct Option is D

Solution and Explanation

गद्यांश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि हमारा दिमाग जानकारी को स्थान विशेष से जोड़कर याद रखने में सक्षम होता है। विशेष रूप से किताबों में जब हम किसी पृष्ठ के किसी कोने में कुछ पढ़ते हैं, तो वह दृश्यात्मक रूप से स्मृति में स्थान के साथ दर्ज हो जाता है।
यह कथन पूरी तरह सत्य है।
कारण में कहा गया है कि— ‘‘किताबों का बहुआयामी रेखाचित्र व शब्द स्थिर होते हैं’’ — यह भी गद्यांश से मेल खाता है। लेखक बताता है कि डिजिटल सामग्री की तुलना में किताबें ज्यादा स्थिर और व्यवस्थित होती हैं, जिससे दिमाग उनके चित्र और शब्दों को एक विशिष्ट ढंग से याद रखता है।
इसलिए यह कारण न केवल सही है, बल्कि यह कथन की सही व्याख्या भी करता है, क्योंकि स्थिरता ही उस दृश्यात्मक स्मृति का आधार बनती है।
इसलिए सही उत्तर है — विकल्प (D)
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Question: 4

रचनात्मकता कैसे आती है ?

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रचनात्मकता के लिए केवल जानना पर्याप्त नहीं, समझना और जोड़ना अनिवार्य है।
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Solution and Explanation

गद्यांश के अनुसार रचनात्मकता केवल सूचनाओं की अधिकता से उत्पन्न नहीं होती। लेखक स्पष्ट रूप से बताता है कि “रचनात्मकता बहुत सारी सूचनाओं के होने से ही नहीं आती।”
इसका तात्पर्य है कि सूचनाएँ केवल साधन हैं, लेकिन जब तक वे अनुभव, पूर्व ज्ञान और भावनात्मक संदर्भों से नहीं जुड़तीं, तब तक वे रचनात्मक विचार में नहीं बदलतीं।
रचनात्मकता तब आती है जब व्यक्ति किसी जानी-पहचानी बात को नए दृष्टिकोण से देखता है, जब वह ज्ञात तथ्यों को जीवन के अनुभवों से जोड़ता है और उनमें से कुछ नवीन गढ़ता है।
अतः रचनात्मकता का आधार है — समझ, अनुभव, विश्लेषण और प्रयोग। यह केवल सूचना संग्रह से नहीं आती, बल्कि उनसे कुछ नया और सार्थक रचने की क्षमता से उत्पन्न होती है।
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Question: 5

गद्यांश में दिमाग संबंधी किन दो विरोधी बातों का उल्लेख किया गया है ?

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विरोधाभास दिखाते समय दोनों बातों को उदाहरण और प्रमाण सहित स्पष्ट करें।
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Solution and Explanation

गद्यांश में मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को लेकर दो विरोधाभासी बातें सामने आती हैं —
पहली बात: जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, मस्तिष्क की जानकारी को पहचानने, याद रखने और समझने की क्षमता में कमी आती है। यह स्वाभाविक जैविक प्रक्रिया मानी जाती है। लेखक कहता है कि — ‘‘बढ़ती उम्र के साथ हमारे दिमाग का संज्ञानात्मक कौशल... मंद पड़ने लगता है।’’
दूसरी बात: मस्तिष्क की एक अद्भुत विशेषता यह भी है कि वह सीखना कभी नहीं छोड़ता और वह नए संदर्भों से जुड़कर भी कार्य कर सकता है। लेखक के शब्दों में — ‘‘पर यह भी सच है कि हमारे दिमाग में वह क्षमता भी है कि वह पुराने सीखते हुए नए अनुभव बना सके।’'
इन दोनों बातों में विरोध होने पर भी वे एक ही सत्य की दो दिशाएँ हैं — मस्तिष्क एक ओर थकता है, लेकिन वह सीखने की प्रक्रिया को जीवनभर बनाए भी रखता है। यही विरोधाभास मानव चेतना को विशिष्ट बनाता है।
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Question: 6

गद्यांश में सीखने-सिखाने के पारंपरिक तरीकों को आधुनिक तरीकों से बेहतर क्यों बताया गया है ?

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सिर्फ तुलना न करें — क्यों बेहतर है, इसके स्पष्ट और व्यावहारिक कारण जोड़ें।
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Solution and Explanation

गद्यांश में लेखक ने पारंपरिक विधियों की उपयोगिता को नकारा नहीं है, लेकिन यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि डिजिटल या आधुनिक तकनीकें आज के समय में सीखने के लिए अधिक प्रभावशाली साबित हो सकती हैं।
कारण यह हैं:
1. पारंपरिक किताबों में रेखाचित्र और शब्द स्थिर रहते हैं, जिससे मस्तिष्क उन्हें स्थान विशेष से जोड़कर बेहतर स्मृति बनाता है। लेकिन डिजिटल संसाधनों में यह संभावना कम हो जाती है।
2. फिर भी लेखक कहता है कि डिजिटल माध्यमों के साथ यदि हम विश्लेषणात्मक और दोहराव युक्त अध्ययन करें, तो वह अधिक स्थायी और प्रेरक बनता है।
3. डिजिटल तकनीकें जैसे वीडियो, एनिमेशन, ऑडियो-विजुअल सामग्री और संवादात्मक अभ्यास — विषय को गहराई से समझने में सहायता करते हैं।
इसलिए गद्यांश इस निष्कर्ष की ओर संकेत करता है कि ‘‘सही अभ्यास पद्धति और तकनीक का चयन ही सीखने की गुणवत्ता तय करता है।’’
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Question: 7

गद्यांश के आधार पर याददाश्त बढ़ाने के कोई दो उपाय लिखिए।

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‘याददाश्त’ से जुड़े उत्तरों में व्यवहारिक और मनोवैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोण शामिल करें।
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Solution and Explanation

गद्यांश में लेखक ने मस्तिष्क की स्मृति को बेहतर बनाने के दो मुख्य उपायों का उल्लेख किया है —
1. समय और अभ्यास द्वारा दोहराव: लेखक का स्पष्ट मत है कि कोई भी बात हमारी गहन शिक्षा का हिस्सा तभी बनती है जब हम उसे समय देकर, अभ्यास के साथ सीखते हैं। जब हम किसी जानकारी को बार-बार पढ़ते और दोहराते हैं, तो वह दीर्घकालिक स्मृति में सुरक्षित हो जाती है।
2. अनुभव और संदर्भ से जोड़ना: लेखक बताता है कि यदि कोई बात जीवन की घटना, स्थान विशेष या किसी अनुभव से जुड़ी हो, तो मस्तिष्क उसे अधिक समय तक याद रखता है। उदाहरण के लिए — किताबों में पढ़ा गया अंश हमें उस पृष्ठ के स्थान या कोने से जुड़कर याद रहता है।
इन दोनों उपायों से न केवल स्मृति बढ़ती है, बल्कि वह स्थायी और सृजनात्मक बनती है।
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