Question:

'पशुपालिका' इत्यत्र प्रकृतिप्रत्ययौ स्तः -

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अकारान्त पुल्लिंग शब्दों को स्त्रीलिंग में बदलने के लिए प्रायः 'टाप्' प्रत्यय का प्रयोग होता है, जिससे अंत में 'आ' जुड़ जाता है (जैसे- अज + टाप् = अजा)। यदि शब्द के अंत में 'क' हो, तो 'टाप्' लगने पर प्रायः 'इका' हो जाता है (जैसे- बालक + टाप् = बालिका)।
Updated On: Sep 9, 2025
  • पशुपालक+क्तिन्
  • पशुपालक+इन्
  • पशुपालक + ङीप्
  • पशुपालक+टाप्
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The Correct Option is D

Solution and Explanation

Step 1: Understanding the Concept:
यह प्रश्न 'पशुपालिका' शब्द को उसके मूल शब्द (प्रकृति) और प्रत्यय में विभाजित करने के बारे में है। यह स्त्री प्रत्ययों से संबंधित है।
Step 2: Detailed Explanation:
'पशुपालिका' एक स्त्रीलिंग शब्द है, जिसका अर्थ है 'पशु पालने वाली'। इसका पुल्लिंग रूप 'पशुपालक' है। हमें यह पहचानना है कि 'पशुपालक' शब्द में कौन सा स्त्री प्रत्यय जोड़ने पर 'पशुपालिका' बनता है।

क्तिन् प्रत्यय भाववाचक संज्ञा बनाता है और अंत में 'तिः' जुड़ता है (जैसे- कृ + क्तिन् = कृतिः)।
इन् प्रत्यय 'वाला' अर्थ देता है और पुल्लिंग शब्द बनाता है (जैसे- दण्ड + इन् = दण्डिन्)।
ङीप् प्रत्यय ईकारान्त स्त्रीलिंग शब्द बनाता है (जैसे- देव + ङीप् = देवी)।
टाप् प्रत्यय आकारान्त स्त्रीलिंग शब्द बनाता है। जब यह 'क' में समाप्त होने वाले शब्दों में जुड़ता है, तो 'क' से पहले 'इ' का आगम हो जाता है।
प्रक्रिया इस प्रकार है: पशुपालक (मूल शब्द) + टाप् (प्रत्यय) चूंकि 'पशुपालक' के अंत में 'क' है, 'टाप्' प्रत्यय लगने से पहले 'क' से पूर्व 'इ' का आगम होता है। पशुपाल + इ + क + आ ('टाप्' का 'आ' शेष रहता है) = पशुपालिका।
Step 3: Final Answer:
अतः, 'पशुपालिका' का सही प्रकृति-प्रत्यय विभाजन 'पशुपालक+टाप्' है।
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