'वैदेही वनवास' के रचनाकार हैं
रेलवे के महाप्रबन्धक को एक शिकायती पत्र लिखिए जिसमें टिकट निरीक्षक द्वारा किये गये अभद्र व्यवहार का उल्लेख हो ।
अपनी विशेष रुचियों का उल्लेख करते हुए अपने मित्र को एक पत्र लिखिए ।
निबन्ध लिखिए : पर्यावरण संरक्षण के उपाय
वाराणसी केषां संगमस्थली अस्ति ?
प्रहेलिकायाः उत्तरं किम् आसीत् ?
चन्द्रशेखरः स्वगृहं किम् अवदत् ?
'तुमुल' खण्डकाव्य के लक्ष्मण-मेघनाथ युद्ध का वर्णन कीजिए ।
'तुमुल' खण्डकाव्य के आधार पर प्रतिनायक का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
'कर्मवीर भरत' खण्डकाव्य के 'आगमन' सर्ग की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए ।
'कर्मवीर भरत' खण्डकाव्य के आधार पर भरत का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
'कर्ण' खण्डकाव्य के तृतीय सर्ग की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए ।
'कर्ण' खण्डकाव्य के आधार पर कुन्ती का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
'मातृभूमि के लिए' खण्डकाव्य के आधार पर नायक का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
'मातृभूमि के लिए' खण्डकाव्य के 'संकल्प' सर्ग का सारांश लिखिए ।
'जय सुभाष' खण्डकाव्य के द्वितीय सर्ग का कथानक लिखिए ।
'जय सुभाष' खण्डकाव्य के आधार पर उसके नायक का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
'अग्रपूजा' खण्डकाव्य के आधार पर 'श्रीकृष्ण' का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
'मेवाड़ मुकुट' खण्डकाव्य के 'लक्ष्मी सर्ग' की कथा संक्षेप में लिखिए ।
'ज्योति जवाहर' खण्डकाव्य की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए ।
'ज्योति जवाहर' खण्डकाव्य के आधार पर उसके नायक का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
'मुक्तिदूत' खण्डकाव्य के तृतीय सर्ग का कथानक अपने शब्दों में लिखिए ।
'मुक्तिदूत' खण्डकाव्य के आधार पर उसके प्रमुख पात्र का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
श्वेतकेतुर्हारूणेय आस तं ह पितोवाच श्वेतकेतो वस ब्रह्मचर्यम् । न वै सोम्यास्मत्कुलीनोऽननूच्य ब्रह्मबन्धुरिव भवतीति । (नोट: यह गद्यांश है, पद्यांश नहीं। यह छान्दोग्योपनिषद् से लिया गया है।)
दिए गए संस्कृत पद्यांशों में से किसी एक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए : रात्रिर्गमिष्यति भविष्यति सुप्रभातं भास्वानुदेश्यति हसिष्यति पंकजालिः । इत्थं विचिन्तयति कोशगते द्विरेफे हा हन्त ! हन्त ! नालिनीं गज उज्जहार ।।