Question:

निष्काम कर्म का मूल सिद्धान्त है।

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याद रखें: निष्काम = कर्म पर अधिकार, फल पर नहीं — फलासक्ति त्याग।
  • शारीरिक सुख
  • कर्तव्य के लिए कर्तव्य
  • भौतिक सुख
  • इनमें से कोई नहीं
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collegedunia
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The Correct Option is B

Solution and Explanation

गीता का सिद्धान्त—"कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन"—कर्म को फलासक्ति से रहित होकर करना है। यह न शारीरिक/भौतिक सुख की लालसा है, न अकर्म; बल्कि स्थितप्रज्ञ भाव से अपने धर्म/कर्तव्य का अनुष्ठान। ऐसे कर्म से चित्त-शुद्धि होती है, राग-द्वेष शांत होते हैं और योग्यता बढ़ती है। फल की प्राप्ति ईश्वराधीन/प्रकृति-नियमाधीन मानी जाती है; साधक का ध्यान केवल सम्यक् कर्म पर। इसलिए मूल सिद्धान्त—कर्तव्य के लिए कर्तव्य
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