Comprehension

निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए : 
क्षमामयी, तू दयामयी है, क्षेममयी है,
सुधामयी, वात्सल्यमयी, तू प्रेममयी है।
विभक्शालिनी, विश्वपालिनी, दुखहर्ती है,
भयनिवारिणी, शांतिकारिणी, सुखकर्ती है।
हे शरणदायिनी देवी तू, करती सबका त्राण है।
हे मातृभूमि संतान हम, तू जननी, तू प्राण है।। 
 

Question: 1

कृति पूर्ण कीजिए :
जन्मभूमि की विशेषताएँ
 

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जन्मभूमि की विशेषताओं को समझते हुए हमें उसकी कद्र करनी चाहिए, क्योंकि यह हमें जीवन में सब कुछ देती है।
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Solution and Explanation

(1) क्षमामयी - जन्मभूमि हमें क्षमा और दया की भावना सिखाती है।
(2) वात्सल्यमयी - जन्मभूमि का प्रेम, स्नेह और वात्सल्य हमें जीवन जीने की प्रेरणा देता है।
(3) शांतिकारिणी - जन्मभूमि हमें शांति और सुख की दिशा में मार्गदर्शन करती है।
(4) भयनिवारिणी - जन्मभूमि हमें हर प्रकार के भय से मुक्ति देती है और हमारी रक्षा करती है।
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Question: 2

पद्यांश की किन्हीं चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए। 
 

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पद्यांश की पंक्तियों में मातृभूमि के महत्व और उसके प्रेम को समझाने का प्रयास किया गया है। इसे जीवन की शक्ति और प्रेरणा के रूप में देखा जा सकता है।
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Solution and Explanation

इन पंक्तियों का अर्थ है कि जन्मभूमि (माँ और मातृभूमि) हमें प्रेम, शांति, और रक्षा देती है। यह हमें जीवन में कठिनाइयों से बचाती है और हमें मार्गदर्शन करती है। मातृभूमि का प्रेम और दया हमें हर कठिनाई से जूझने की ताकत देता है।
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