List of top Hindi Composite Questions asked in Maharashtra Class X Board

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर गद्यांश में एक-एक वाक्य में हों। 
महात्मा गाँधी ने पुस्तकों को व्यक्ति का सच्चा मित्र कहा है। पुस्तकों
से अधिक आनंद और कहीं, किसी वस्तु में नहीं है। पुस्तकें ज्ञान का
भंडार होती हैं। पुस्तकों में समाज पर प्रभाव डालने की अद्भुत क्षमता
होती है। पुस्तक में ऐसी शक्ति होती है कि वह सोए देश में जागृति
मंत्र फूँक दे, कमजोर मानव को बल दे, राजनेताओं पर अंकुश रखे।
रूसो की पुस्तक फ्रांस में क्रांति का कारण बनी। लेनिन की पुस्तक रूस
में मार्गदर्शक बनी तो गाँधी के विचार भारत को स्वतंत्र करा गए। इस
प्रकार हम देखते हैं कि पुस्तकें पलभर में बादशाहत को पलटने की क्षमता
रखती हैं। पुस्तकें लेखकों को अमर बना देती हैं। हम आज भी सूर,
तुलसी, वाल्मीकि का नाम बहुत श्रद्धा से लेते हैं। पुस्तकें अकेलेपन
की साथी भी हैं; क्योंकि ये अकेलेपन को भुलाए रहती हैं।
 

निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
मंत्री :महाराज, लोगों की पहली शिकायत यही है कि पानी अब निर्मल 
नहीं रहा है। यह नदियों और गह्वरों में बहते समय गंदगी और
बीमारियाँ अपने साथ बहाकर सब जगह पहुँचा देता है।
पानी :महाराज, ये लोग पहले की तरह पानी की रखवाली नहीं करते हैं। 
पशुओं को जोहड़ के भीतर तैरने छोड़ जाते हैं। पशु अपनी गंदगी
तालाब में छोड़ जाते हैं। गाँव की दूसरी गंदगी भी तालाब में फेंक
दी जाती हैं। नदियों में कारखानों की गंदगी व शहर के गंदे नाले
का पानी छोड़ा जाता है। महाराज, मैं अपने आप गंदा नहीं होता।
मुझसे शिकायत करने वाले ही गंदा और दूषित करते हैं।
महाराज : भाइयो, आपके पास इसका क्या जवाब है ? (लोग आपस में फुस-फुसाकर बातें करते हैं, फिर उनमें से एक बोलता है।)
एक' : महाराज, यह तो मान लिया पर कहीं बरसना, कहीं नहीं बरसना, यह तो इस पानी की मनमानी है। 
 

निम्नलिखित पठित गद्यांश को पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए : 
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी राघवेंद्र पत्नी-बच्चों सहित अपने पैतृक कस्बे में
आया हुआ है। नौकरी से छुट्टियाँ न मिल पाने की मजबूरी के चलते वह चाहकर भी
हफ्ता-दस दिन से ज्यादा यहाँ नहीं रुक पाता है लेकिन उसकी इच्छा रहती है कि अम्मा-बाबू जी
पूरे साल नहीं तो साल में दो-तीन महीने तो उसके साथ मुंबई में जरूर रहें। बच्चों को संयुक्त परिवार मिले, दादा-दादी का 
भरपूर प्यार मिले। अनिता, उसकी पत्नी भी यही
चाहती है। यही सोचकर उन्होंने पाँच कमरों का फ्लैट खरीदा है पर न जाने क्यों अम्मा-बाबू जी
वहाँ बहुत कम जाते हैं। साल भर में एकाध बार, वह भी चंद दिनों के लिए।
"बाबू जी, आप और अम्मा चार-छह दिनों के लिए नहीं, चार-छह महीनों के लिए
आया कीजिए। इतनी जल्दी लौट जाते हैं तो मन कचोटने-सा लगता है।"