Question:

निम्नलिखित काव्यांश में से किसी एक की सप्रसंग व्याख्या कीजिए: 
यह जन है — गाता गीत जिन्हें फिर और कौन गाएगा? 
पनडुब्बा — ये मोती सच्चे फिर कौन कूती लाएगा? 
यह सम्भावना — ऐसी आग हटेगा बिसला सुलगाएगा। 
यह अदितीय — यह मेरा — यह मैं स्वयं विसर्जित — 
यह दीप, अकेला, स्नेह भरा 
है गर्व भरा मदमाता, पर इसको भी पंक्तियों को दे दो। 
 

Show Hint

अज्ञेय की कविता में प्रतीकों (दीप, मोती, पनडुब्बा) के गहरे अर्थ होते हैं — इन्हें समझे बिना भाव स्पष्ट नहीं होता।
Updated On: Jul 21, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

सन्दर्भ:
यह पद प्रसिद्ध कवि अज्ञेय की रचना ‘यह दीप अकेला’ से लिया गया है। इसमें कवि व्यक्ति और समाज की अंतःक्रियाओं को लेकर भावनात्मक और दार्शनिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
प्रसंग:
यह पद्यांश उस भावभूमि पर रचा गया है जहाँ कवि आमजन, उसकी अभिव्यक्ति, और उसकी उपेक्षा के विरोध में अपनी सर्जनात्मक चेतना को प्रस्तुत करता है।
व्याख्या:
कवि कहता है — यह ‘जन’ वह है जो गीत रचता है, राग गाता है, सृजन करता है। यदि वह न रहे तो फिर कौन गाएगा?
जनता का अस्तित्व ही वह ‘पनडुब्बा’ है जो गहरे उतरकर असली मोती (सत्य, सृजन, संवेदना) खोजकर लाता है।
कवि इस जन की “संभावना” को उस अग्नि की तरह मानता है जो किसी को भी जलाकर पुनः जीवन दे सकती है।
“यह अद्वितीय, यह मेरा, यह मैं स्वयं विसर्जित” — पंक्तियाँ इस बात को दर्शाती हैं कि यह ‘मैं’ (कवि या संवेदनशील व्यक्ति) पूर्ण समर्पित है।
“यह दीप, अकेला, स्नेह भरा” — कवि की आत्माभिव्यक्ति है, जिसमें वह अपने भीतर के प्रेम, आशा और संघर्ष की लौ को पाठकों को सौंपता है।
कवि की अंतिम विनती है — समाज के गर्व, शक्ति और मदमस्त व्यवहार के बीच — इस एकाकी दीप (स्वर) को भी थोड़ी-सी जगह दी जाए।
निष्कर्ष:
यह कविता उस रचनात्मक व्यक्ति की चेतना का प्रतीक है, जो अकेले होते हुए भी सृजन, संघर्ष और प्रेम का दीप जलाए रखता है। यह पद्य सामाजिक संवेदना, आत्म-त्याग और कविता की सामाजिक उपयोगिता को दर्शाता है।
Was this answer helpful?
0
0

Top Questions on काव्यांश पर आधारित प्रश्न

View More Questions

Questions Asked in CBSE CLASS XII exam

View More Questions