Question:

नाटक की रचना और प्रस्तुति का सबसे सशक्त माध्यम क्या और क्यों है ? 
 

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नाटक विश्लेषण करते समय संवादों का उल्लेख करते हुए यह दिखाना ज़रूरी होता है कि कैसे वे पात्रों के आंतरिक भाव और कथा की दिशा को उजागर करते हैं। उदाहरणों के साथ संवादों की भावनात्मक और बौद्धिक गहराई को स्पष्ट करें।
Updated On: Jul 30, 2025
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Solution and Explanation

नाटक की रचना और प्रस्तुति का सबसे सशक्त माध्यम है — संवाद (Dialogue)। संवादों के माध्यम से ही पात्रों की मानसिकता, भावनाएँ, संघर्ष और घटनाएँ स्पष्ट होती हैं। मंच पर पात्रों के संवाद ही दर्शकों को कथानक से जोड़ते हैं।

संवादों के साथ-साथ भाव-भंगिमा, मंच-सज्जा, प्रकाश व्यवस्था, संगीत और अभिनय भी महत्त्वपूर्ण होते हैं, लेकिन संवाद ही वह कड़ी है जिससे कथा का प्रवाह चलता है। बिना सशक्त संवादों के नाटक प्रभावहीन हो जाता है।

उदाहरण के लिए, मोहन राकेश के नाटक ‘आषाढ़ का एक दिन’ में कालिदास और मल्लिका के संवाद अत्यंत भावप्रवण और विचारशील हैं, जो दर्शकों को नाटक के गहरे भावबोध से जोड़ते हैं।

इसलिए संवाद नाटक का मूल आधार होते हैं — वही दर्शकों के सामने कथा को जीवंत बनाते हैं।
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