Question:

'मुक्तिदूत' खण्डकाव्य के द्वितीय सर्ग का कथानक संक्षेप में लिखिए । 
 

Show Hint

किसी सर्ग का सारांश लिखते समय, उस सर्ग की मुख्य घटनाओं को क्रमबद्ध रूप से लिखें। घटना का कारण, घटना का वर्णन और उसका परिणाम—इन तीन बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें।
Updated On: Nov 10, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

'मुक्तिदूत' खण्डकाव्य के द्वितीय सर्ग में महात्मा गाँधी के दक्षिण अफ्रीका के प्रवास और वहाँ भारतीयों की दुर्दशा का वर्णन किया गया है। Step 1: Introduction to the Canto:
इस सर्ग का आरम्भ महात्मा गाँधी के दक्षिण अफ्रीका पहुँचने से होता है। वे वहाँ भारतीयों की दयनीय स्थिति देखकर अत्यंत व्यथित होते हैं।
Step 2: Detailed Plot:
दक्षिण अफ्रीका में गोरे शासक भारतीयों से घृणा करते थे और उन पर अनेक प्रकार के अत्याचार करते थे। गाँधीजी ने इस अन्याय को अपनी आँखों से देखा। एक बार जब वे रेलगाड़ी के प्रथम श्रेणी के डिब्बे में यात्रा कर रहे थे, तो एक गोरे अधिकारी ने उन्हें रंगभेद के कारण अपमानित किया और सामान सहित डिब्बे से बाहर फेंक दिया। इस अपमानजनक घटना ने गाँधीजी के हृदय को गहरा आघात पहुँचाया। उन्होंने यह दृढ़ निश्चय किया कि वे इस अन्याय के विरुद्ध संघर्ष करेंगे और भारतीयों को उनके अधिकार दिलाएंगे।
Step 3: Conclusion of the Canto:
इसी सर्ग में गाँधीजी ने अंग्रेजों के अत्याचारों का विरोध करने के लिए 'सत्याग्रह' रूपी अस्त्र का पहली बार प्रयोग किया और अपने आंदोलन में सफलता प्राप्त की। यह सर्ग गाँधीजी के एक सामान्य व्यक्ति से एक महान नेता के रूप में परिवर्तन की शुरुआत को दर्शाता है।
Was this answer helpful?
0
0