Question:

'मुक्तिदूत' खण्डकाव्य के चतुर्थ सर्ग का सारांश लिखिए । 
 

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किसी सर्ग का सारांश लिखते समय, सर्ग की मुख्य घटना और उसके परिणाम को अवश्य लिखें। सारांश को अपनी भाषा में, संक्षिप्त और क्रमबद्ध तरीके से प्रस्तुत करें।
Updated On: Nov 11, 2025
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Solution and Explanation

'मुक्तिदूत' खण्डकाव्य का चतुर्थ सर्ग 'नमक सत्याग्रह' या 'दांडी यात्रा' की ऐतिहासिक घटना पर आधारित है। इसका सारांश इस प्रकार है: अंग्रेजों ने नमक जैसी आवश्यक वस्तु पर कर लगा दिया था, जिससे आम जनता बहुत परेशान थी। महात्मा गांधी ने इस अन्यायपूर्ण कानून का विरोध करने का निश्चय किया। उन्होंने साबरमती आश्रम से अपने 78 अनुयायियों के साथ दांडी नामक स्थान के लिए पदयात्रा आरम्भ की। इस यात्रा के दौरान रास्ते में हजारों लोग उनके साथ जुड़ते गए। गांधीजी जहाँ भी रुकते, वहाँ लोगों को सत्य और अहिंसा का उपदेश देते। उनकी इस यात्रा से पूरे देश में स्वतंत्रता की एक नई लहर दौड़ गई। 24 दिनों की लम्बी यात्रा के बाद वे दांडी पहुँचे और समुद्र के पानी से नमक बनाकर अंग्रेजों के नमक कानून को तोड़ा। इस पर अंग्रेजी सरकार ने दमन चक्र चलाया और गांधीजी सहित अनेक नेताओं को जेल में डाल दिया। परन्तु, यह आन्दोलन रुका नहीं, बल्कि पूरे देश में फैल गया। अंततः, ब्रिटिश सरकार को झुकना पड़ा और गांधीजी को वार्ता के लिए आमंत्रित करना पड़ा। यह सर्ग गांधीजी की दृढ़-निश्चय और नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है।
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