Question:

'मुक्तिदूत' खण्डकाव्य के आधार पर अंग्रेजी शासन के बर्बर अत्याचारों के विरोध में महात्मा गाँधी द्वारा किये गये जन आन्दोलनों का वर्णन कीजिए । 
 

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आंदोलनों का वर्णन करते समय, प्रत्येक आंदोलन का मुख्य उद्देश्य (जैसे- नमक कानून तोड़ना) और उसके स्वरूप (जैसे- पदयात्रा, बहिष्कार) का उल्लेख अवश्य करें। यह आपके उत्तर को तथ्यात्मक और प्रभावशाली बनाता है।
Updated On: Nov 11, 2025
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Solution and Explanation

'मुक्तिदूत' खण्डकाव्य में महात्मा गाँधी द्वारा अंग्रेजी शासन के अत्याचारों के विरुद्ध चलाए गए प्रमुख जन आंदोलनों का वर्णन इस प्रकार है:
नमक सत्याग्रह (दांडी मार्च): गाँधीजी ने अंग्रेजों द्वारा नमक पर लगाए गए कर के विरोध में साबरमती आश्रम से दांडी तक की ऐतिहासिक पदयात्रा की। उन्होंने समुद्र तट पर स्वयं नमक बनाकर इस अन्यायपूर्ण कानून को तोड़ा। इस आंदोलन ने पूरे देश में स्वतंत्रता की ज्वाला को और तीव्र कर दिया।
असहयोग आन्दोलन: गाँधीजी ने देशवासियों से अंग्रेजी सरकार के साथ किसी भी प्रकार का सहयोग न करने का आह्वान किया। लोगों ने सरकारी नौकरियों, उपाधियों, स्कूलों और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया। यह अंग्रेजों के विरुद्ध एक व्यापक अहिंसक विद्रोह था।
भारत छोड़ो आन्दोलन: 1942 में गाँधीजी ने 'करो या मरो' का नारा देते हुए अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए अंतिम चेतावनी दी। यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सबसे बड़ा और निर्णायक आंदोलन साबित हुआ, जिसने अंग्रेजी शासन की नींव हिला दी।
इन सभी आंदोलनों की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि ये पूर्णतः सत्य और अहिंसा पर आधारित थे।
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