Question:

'मुक्तिदूत' खण्डकाव्य के द्वितीय सर्ग की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए।

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द्वितीय सर्ग मुख्य रूप से गाँधीजी के सत्याग्रह और स्वतंत्रता आंदोलन में जन-सहभागिता को चित्रित करता है।
Updated On: Oct 28, 2025
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Solution and Explanation

द्वितीय सर्ग की कथावस्तु:
'मुक्तिदूत' खण्डकाव्य के द्वितीय सर्ग में कवि ने भारत की स्वतंत्रता संग्राम की झलक दी है। इसमें गाँधीजी के सत्याग्रह और असहयोग आंदोलन का विस्तृत वर्णन है। गाँधीजी के आह्वान पर देशभर के नर-नारी, किसान, मजदूर और विद्यार्थी स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होते हैं। विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया जाता है और चरखे से स्वदेशी वस्त्र का निर्माण होता है। इस सर्ग में यह भी दिखाया गया है कि किस प्रकार गाँधीजी के नेतृत्व में जन-जन ने एकजुट होकर अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों का सामना किया। सत्य, अहिंसा और आत्मबल के आधार पर चलाया गया यह आंदोलन ब्रिटिश सत्ता की नींव हिला देता है। द्वितीय सर्ग में जनजागरण, त्याग और बलिदान की भावना स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
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