Question:

मित्रों के साथ स्टेडियम में मैच देखने का आनंद — इस विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए। 
 

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स्टेडियम का अनुभव केवल मैच तक सीमित नहीं होता, वह सामाजिक मेलजोल, जोश और जुड़ाव का उत्सव होता है। उसे रचनात्मक लेख में जीवंत बनाने के लिए अनुभवों को सजीव रूप में वर्णित करें।
Updated On: Jul 28, 2025
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Solution and Explanation

मित्रों के साथ स्टेडियम में मैच देखना एक ऐसा अनुभव होता है जिसे शब्दों में बाँधना कठिन है। जैसे ही आप स्टेडियम में कदम रखते हैं, चारों ओर से आती आवाज़ें, झंडे लहराते दर्शक, और ढोल-नगाड़ों की थाप माहौल को रोमांचक बना देती है। और जब साथ में अपने घनिष्ठ मित्र हों, तो यह रोमांच दोगुना हो जाता है।
हर चौका और छक्का एक जश्न बन जाता है, और हर विकेट पर दुख सांझा किया जाता है। मित्रों के साथ बैठकर खिलाड़ी की तकनीक पर चर्चा करना, किस टीम की रणनीति सही है इस पर बहस करना, और कभी-कभी चुटीले व्यंग्य करना इस अनुभव को और मज़ेदार बनाते हैं।
स्टेडियम में बैठकर मैच देखना केवल एक खेल को देखना नहीं है, बल्कि यह उत्सव का हिस्सा बन जाना है। जब पूरा स्टेडियम ‘इंडिया-इंडिया’ के नारों से गूंजता है, तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यही वह समय होता है जब दोस्त एक-दूसरे के गले लग जाते हैं, झूमते हैं और देशभक्ति की भावना से भर जाते हैं।
ऐसे पल न केवल यादगार होते हैं, बल्कि जीवनभर के लिए स्मृति बन जाते हैं। यह अनुभव केवल क्रिकेट का नहीं, बल्कि दोस्ती, उल्लास और एकता का प्रतीक बन जाता है।
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