Question:

'मेवाड़-मुकुट' खंडकाव्य के 'द्वितीय सर्ग' 'लक्ष्मी' का कथानक संक्षेप में लिखिए।

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कथानक लिखते समय रचना की मूल भावना, पात्र और प्रमुख घटनाओं का क्रम बनाए रखें।
Updated On: Oct 28, 2025
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Solution and Explanation

'मेवाड़-मुकुट' खंडकाव्य कवि श्यामनारायण पांडेय की देशभक्ति से ओत-प्रोत रचना है। इसके 'द्वितीय सर्ग' का शीर्षक 'लक्ष्मी' है। इस सर्ग में कवि ने महाराणा प्रताप की पत्नी महारानी अजबदे तथा उनके परिवार के त्याग, तपस्या और संघर्ष का मार्मिक वर्णन किया है।
राणा प्रताप जब स्वतंत्रता की रक्षा के लिए युद्धभूमि में संघर्षरत थे, तब उनकी पत्नी अजबदे राजमहल में कठिनाइयों से जूझ रही थीं। उन्होंने अपार कष्ट सहकर भी अपने पति और मातृभूमि के प्रति कर्तव्य निभाया।
इस सर्ग में कवि ने दर्शाया है कि राणा प्रताप का संघर्ष केवल उनका नहीं, बल्कि समूचे परिवार का था — जहाँ महारानी लक्ष्मी (अजबदे) ने त्याग, धैर्य और साहस की मूर्ति बनकर प्रताप के आदर्शों को जीवित रखा। उनका जीवन नारी-शक्ति और पतिव्रता धर्म का अनुपम उदाहरण बन गया। संक्षेप में: 'लक्ष्मी' सर्ग त्याग, नारी-बलिदान और मातृभूमि के गौरव की कथा है, जिसमें अजबदे का धैर्य, संयम और राष्ट्र-निष्ठा कवि ने अमर कर दी है।
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