Question:

'मातृभूमि के लिए' खण्डकाव्य के 'तृतीय सर्ग' 'बलिदान' का कथानक संक्षेप में लिखिए।

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कथानक लिखते समय घटना का आरंभ, चरमबिंदु और निष्कर्ष तीनों क्रमवार अवश्य लिखें।
Updated On: Oct 28, 2025
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Solution and Explanation

'तृतीय सर्ग' अर्थात् बलिदान सर्ग में कवि ने महान क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद के शौर्य और त्याग का भावपूर्ण चित्रण किया है।
इस सर्ग में वर्णन है कि जब अंग्रेजों ने आज़ाद को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में घेर लिया, तब उन्होंने असाधारण वीरता का परिचय दिया। उन्होंने अपनी अंतिम गोली तक शत्रुओं पर प्रहार किया।
जब गोलियाँ समाप्त हो गईं, तब उन्होंने आत्मसमर्पण नहीं किया बल्कि अपनी पिस्तौल की अंतिम गोली स्वयं पर चला दी। यह उनका मातृभूमि के प्रति सर्वोच्च समर्पण था।
कवि ने इस घटना के माध्यम से आज़ाद की देशभक्ति, साहस, आत्मसम्मान और बलिदान-भावना का सजीव चित्र प्रस्तुत किया है। यह सर्ग भारतीय स्वतंत्रता-संग्राम की प्रेरणादायक गाथा है।
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