डॉ. जयशंकर त्रिपाठी द्वारा रचित 'मातृ-भूमि के लिए' खण्डकाव्य के नायक अमर बलिदानी चन्द्रशेखर आज़ाद हैं। उनके प्रेरणादायी चरित्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
1. महान देशभक्त: आज़ाद के रोम-रोम में देशभक्ति की भावना व्याप्त थी। मातृभूमि को स्वतंत्र कराना ही उनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य था। वे बचपन से ही भारत माता की पराधीनता की पीड़ा से व्यथित थे।
2. वीर, साहसी और दृढ़-निश्चयी: चन्द्रशेखर आज़ाद का नाम वीरता और साहस का पर्याय है। उन्होंने बचपन में जज के सामने अपना नाम 'आज़ाद', पिता का नाम 'स्वाधीन' और घर 'जेलखाना' बताकर अपनी निर्भीकता का परिचय दिया था। उन्होंने 'आज़ाद ही रहने' की अपनी प्रतिज्ञा का जीवनपर्यंत पालन किया।
3. कुशल संगठनकर्ता और नेता: आज़ाद एक योग्य नेता और कुशल संगठनकर्ता थे। उन्होंने भगत सिंह और अन्य क्रांतिकारियों के साथ मिलकर एक शक्तिशाली संगठन बनाया और देश भर में क्रांतिकारी गतिविधियों का सफलतापूर्वक संचालन किया।
4. अमर बलिदानी: आज़ाद ने देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया। इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में अंग्रेजों द्वारा घेर लिए जाने पर उन्होंने अंतिम गोली तक शत्रुओं का सामना किया और अंत में स्वयं को गोली मारकर अपनी 'आज़ाद' रहने की प्रतिज्ञा पूरी की।
इस प्रकार, चन्द्रशेखर आज़ाद भारतीय युवाओं के लिए वीरता, त्याग और देशभक्ति के अनुपम आदर्श हैं।