Question:

'कर्ण' खण्डकाव्य की सबसे प्रभावशाली घटना का वर्णन कीजिए । 
 

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किसी प्रभावशाली घटना का वर्णन करते समय, घटना की पृष्ठभूमि, मुख्य घटनाक्रम और उसके प्रभाव या परिणाम को स्पष्ट रूप से लिखें। इससे उत्तर की गहराई बढ़ जाती है।
Updated On: Nov 10, 2025
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Solution and Explanation

'कर्ण' खण्डकाव्य की सबसे प्रभावशाली, मार्मिक और कर्ण के चरित्र को चरमोत्कर्ष पर पहुँचाने वाली घटना कर्ण द्वारा अपने जन्मजात कवच और कुण्डल का दान करना है। Step 1: The Context:
महाभारत के युद्ध से पूर्व, देवराज इन्द्र को यह चिंता थी कि जब तक कर्ण के पास उसके जन्मजात कवच और कुण्डल हैं, तब तक कोई भी योद्धा, यहाँ तक कि अर्जुन भी, उसे पराजित नहीं कर सकता। अतः, अपने पुत्र अर्जुन की रक्षा के लिए इन्द्र एक ब्राह्मण का वेश धारण करके कर्ण के पास पहुँचे।
Step 2: The Event:
कर्ण अपनी दानवीरता के लिए प्रसिद्ध थे और सूर्योपासना के बाद वे किसी भी याचक को खाली हाथ नहीं लौटाते थे। सूर्यदेव ने स्वप्न में कर्ण को इन्द्र के छल के प्रति सचेत भी किया था, परन्तु कर्ण ने अपने दान के प्रण को तोड़ना स्वीकार नहीं किया। जब ब्राह्मण वेशधारी इन्द्र ने कर्ण से भिक्षा में उनके कवच और कुण्डल माँग लिए, तो कर्ण ने एक क्षण का भी विलम्ब नहीं किया। यह जानते हुए भी कि कवच और कुण्डल के बिना उनकी मृत्यु निश्चित है, उन्होंने अपने शरीर से जुड़े उस अभेद्य कवच और कुण्डलों को शस्त्र से काटकर इन्द्र को दान कर दिया।
Step 3: The Impact:
कर्ण का यह आत्म-बलिदान और त्याग देखकर स्वयं देवराज इन्द्र भी चकित और लज्जित हो गए। यह घटना कर्ण को 'दानवीर' के रूप में प्रतिष्ठित करती है और पाठक के हृदय पर एक अमिट छाप छोड़ती है। यह उनके चरित्र की महानता का सबसे बड़ा प्रमाण है।
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