'ज्योति जवाहर' खण्डकाव्य की कथावस्तु भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के विराट व्यक्तित्व पर केन्द्रित है। इसमें किसी कथानक या कहानी के स्थान पर नायक के चरित्र, विचारों और उनके कार्यों को काव्यात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया है।
Step 1: The Central Theme:
इस खण्डकाव्य का कोई परम्परागत कथानक नहीं है। इसका आरम्भ उस समय से होता है जब चीन ने भारत पर आक्रमण किया था। इस राष्ट्रीय संकट के समय, कवि नेहरू जी के विराट व्यक्तित्व में सम्पूर्ण भारत का प्रतिबिम्ब देखता है और उनके माध्यम से भारत की एकता और शक्ति का आह्वान करता है।
Step 2: Symbolic Representation:
कवि कल्पना करता है कि भारत के विभिन्न राज्य अपने प्रतिनिधि भेजकर अपने राजा और नायक जवाहरलाल से अपने-अपने प्रदेश की विशेषताओं और समस्याओं का वर्णन कर रहे हैं। कवि ने नेहरू जी को एक ऐसे सूर्य के रूप में चित्रित किया है जिसके चारों ओर भारत के सभी प्रांत ग्रहों की भाँति परिक्रमा करते हैं।
Step 3: Portrayal of Nehru's Personality:
कथावस्तु का विकास नेहरू जी के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने के माध्यम से होता है। इसमें उनके लोकनायक रूप, समन्वयवादी दृष्टिकोण, प्रकृति-प्रेम, विश्व-शांति के प्रयासों और गाँधीजी के प्रति उनकी श्रद्धा को दर्शाया गया है। कवि यह संदेश देता है कि जब तक नेहरू जैसा नायक भारत का नेतृत्व कर रहा है, तब तक देश पर कोई संकट नहीं आ सकता।
Step 4: Conclusion:
अतः, इस खण्डकाव्य की कथावस्तु नेहरू जी के प्रेरणादायी चरित्र का गुणगान है, जो राष्ट्रीय एकता और अखंडता का प्रतीक है।