Question:

'ज्योति जवाहर' खण्डकाव्य के आधार पर जवाहर लाल नेहरू की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए । 
 

Show Hint

'ज्योति जवाहर' जैसे खण्डकाव्य के नायक का चरित्र-चित्रण करते समय, कवि द्वारा दी गई उपमाओं और प्रतीकों (जैसे - जवाहर का ज्योति-पुंज होना) का उल्लेख अवश्य करें।
Updated On: Nov 10, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

'ज्योति जवाहर' खण्डकाव्य के नायक भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू हैं। कवि देवी प्रसाद शुक्ल 'राही' ने उन्हें भारतीय जनता के नायक और युग-पुरुष के रूप में चित्रित किया है। उनकी चारित्रिक विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
लोकनायक एवं भारत के भाग्यविधाता: नेहरू जी सम्पूर्ण भारत के प्रिय नेता हैं। कवि ने उन्हें 'ज्योति जवाहर' की संज्ञा दी है, जिसका प्रकाश पूरे भारत में फैला है। वे भारत के नव-निर्माण के सूत्रधार और भाग्यविधाता हैं।
समन्वयवादी दृष्टिकोण: नेहरू जी के व्यक्तित्व में विभिन्न संस्कृतियों और विचारों का अद्भुत समन्वय है। वे पूर्व और पश्चिम, प्राचीन और नवीन, सभी के अच्छे गुणों को आत्मसात करने के पक्षधर हैं।
प्रकृति-प्रेमी: नेहरू जी को प्रकृति से अगाध प्रेम था। खण्डकाव्य में उन्हें गंगा, हिमालय और भारत की प्राकृतिक सुंदरता से प्रेरणा लेते हुए दिखाया गया है।
विश्व-शांति के अग्रदूत: नेहरू जी केवल भारत के ही नहीं, बल्कि विश्व के नेता थे। वे 'पंचशील' के सिद्धांतों के माध्यम से विश्व में शांति और सह-अस्तित्व की स्थापना के लिए प्रयत्नशील रहे।
अहिंसा और त्याग के समर्थक: वे महात्मा गाँधी के सच्चे अनुयायी थे और सत्य, अहिंसा, प्रेम और त्याग जैसे मानवीय मूल्यों में उनकी गहरी आस्था थी। उन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने जीवन के अनेक वर्ष जेल में बिताए।
Was this answer helpful?
0
0