'जय सुभाष' खण्डकाव्य के नायक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस हैं। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान सेनानी हैं। उनकी चारित्रिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
महान देशभक्त: सुभाष चन्द्र बोस एक अद्वितीय देशभक्त थे। उनका जीवन भारत माता को स्वतंत्र कराने के लिए समर्पित था। उन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया।
अदम्य साहसी और वीर: वे जन्म से ही निर्भीक और साहसी थे। अंग्रेजों की कड़ी निगरानी के बावजूद वेष बदलकर उनके घर से निकल भागना उनके अदम्य साहस का परिचय देता है।
कुशल संगठनकर्ता: उन्होंने जर्मनी और जापान जैसे देशों की यात्रा कर भारत की स्वतंत्रता के लिए समर्थन जुटाया। उन्होंने 'आजाद हिन्द फौज' जैसी विशाल सेना का गठन किया, जो उनकी अद्भुत संगठनात्मक क्षमता का प्रमाण है।
ओजस्वी वक्ता: नेताजी एक प्रभावशाली वक्ता थे। उनके भाषणों में जादू था। "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा" जैसा उनका नारा आज भी युवाओं में जोश भर देता है।
महान त्यागी: उन्होंने देश-सेवा के लिए आई.सी.एस. जैसे प्रतिष्ठित पद को ठुकरा दिया और अपना सम्पूर्ण जीवन संघर्षों में बिताया।
अमर सेनानी: सुभाष चन्द्र बोस भारत के एक अमर सेनानी हैं, जिनका नाम भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। वे आज भी करोड़ों भारतीयों के प्रेरणास्रोत हैं।