Question:

'हास्य रस' का स्थायी भाव है: 
 

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हास्य रस = हास, करुण रस = शोक, श्रृंगार रस = रति, वीर रस = उत्साह — इन जोड़ों को याद रखना सरल है।
Updated On: Oct 28, 2025
  • शोक
  • हास
  • रति
  • उत्साह
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The Correct Option is B

Solution and Explanation

Step 1: रस और स्थायी भाव का संबंध.
काव्यशास्त्र के अनुसार प्रत्येक रस का एक स्थायी भाव होता है। स्थायी भाव ही उस रस की उत्पत्ति का मूल कारण है।

Step 2: हास्य रस का विश्लेषण.
हास्य रस विनोद, हँसी और हास-परिहास की भावनाओं से उत्पन्न होता है। इसका स्थायी भाव हास है।

Step 3: विकल्पों का विश्लेषण.
(A) शोक: यह करुण रस का स्थायी भाव है।
(B) हास: सही — हास्य रस का स्थायी भाव हास है।
(C) रति: यह श्रृंगार रस का स्थायी भाव है।
(D) उत्साह: यह वीर रस का स्थायी भाव है।

Step 4: निष्कर्ष.
सही उत्तर है (B) हास

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