Comprehension

दिए गए गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

पुष्पित अशोक को देखकर मेरा मन उदास हो जाता है। इसलिए नहीं कि सुंदर वस्तुओं को हतभाग्य समझने में मुझे कोई विशेष रस मिलता है । कुछ लोगों को मिलता है। वे बहुत दूरदर्शी होते हैं । जो भी सामने पड़ गया, उसके जीवन के अंतिम मुहूर्त तक का हिसाब वे लगा लेते हैं । मेरी दृष्टि उतनी दूर तक नहीं जाती । फिर भी मेरा मन इस फूल को देखकर उदास हो जाता है । असली कारण तो मेरे अंतर्यामी ही जानते होंगे, कुछ थोड़ा-सा मैं भी अनुमान कर सकता हूँ

Question: 1

उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।

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संदर्भ लिखते समय गद्यांश के पाठ का नाम और उसकी मुख्य भावना को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करना आवश्यक होता है।
Updated On: Nov 7, 2025
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Solution and Explanation


यह गद्यांश "पुष्पित अशोक" पाठ से लिया गया है, जिसमें लेखक ने प्रकृति के सौंदर्य और मनुष्य की भावनाओं के बीच संबंध को दर्शाया है। लेखक को पुष्पित अशोक को देखकर अनायास ही उदासी महसूस होती है, और वह इस भावना के पीछे के कारणों की तलाश करता है।
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Question: 2

रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

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व्याख्या करते समय मूल विचार को सरल भाषा में प्रस्तुत करें और उसका व्यापक अर्थ समझाने का प्रयास करें।
Updated On: Nov 7, 2025
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Solution and Explanation


गद्यांश में रेखांकित अंश "वे बहुत दूरदर्शी होते हैं। जो भी सामने पड़ गया, उसके जीवन के अंतिम मुहूर्त तक का हिसाब वे लगा लेते हैं।" का अर्थ यह है कि कुछ लोग अत्यधिक दूरदर्शी होते हैं और किसी भी वस्तु या व्यक्ति के भविष्य का अनुमान लगाने लगते हैं। वे केवल वर्तमान को नहीं देखते, बल्कि उसके अंतिम परिणाम की कल्पना करके भविष्य की संभावनाओं का विश्लेषण करते हैं। लेखक का कहना है कि वह स्वयं इतना दूरदर्शी नहीं है, फिर भी पुष्पित अशोक को देखकर अनायास ही उसके मन में उदासी उत्पन्न होती है।
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Question: 3

गद्यांश के लेखक ने स्वयं के बारे में क्या कहा है?

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लेखक के आत्मविश्लेषण को समझने के लिए उनकी मनःस्थिति और संवेदनशीलता पर ध्यान देना आवश्यक होता है।
Updated On: Nov 7, 2025
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गद्यांश के लेखक ने स्वयं के बारे में कहा है कि वह अत्यधिक दूरदर्शी नहीं है और भविष्य की गहरी गणना करने में सक्षम नहीं है। वह यह भी स्वीकार करता है कि पुष्पित अशोक को देखकर उसके मन में जो उदासी उत्पन्न होती है, उसके पीछे का वास्तविक कारण तो केवल ईश्वर ही जानता है। हालांकि, वह स्वयं भी इसका अनुमान लगाने का प्रयास करता है। लेखक अपने मन की संवेदनशीलता और प्रकृति के प्रति उसकी प्रतिक्रिया को लेकर विचारशील है।
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Question: 4

प्रस्तुत गद्यांश का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।

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साहित्यिक रचनाओं में भावनाओं और संवेदनाओं की गहराई को समझना आवश्यक होता है।
Updated On: Nov 7, 2025
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प्रस्तुत गद्यांश का उद्देश्य मनुष्य की संवेदनशीलता और प्रकृति के प्रति उसकी आत्मीयता को प्रकट करना है। लेखक यह दर्शाना चाहता है कि कभी-कभी सुंदरता भी मन में गहरी भावनाएँ उत्पन्न कर सकती है। यह गद्यांश यह भी दर्शाता है कि व्यक्ति की भावनाएँ हमेशा तर्क और विश्लेषण पर आधारित नहीं होतीं, बल्कि वे मन के गहरे अनुभवों और संवेदनाओं से जुड़ी होती हैं।
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Question: 5

'अंतर्यामी' और 'दूरदर्शी' शब्दों के अर्थ लिखिए।

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शब्दों के अर्थ लिखते समय उनके भावार्थ और उनके प्रयोग को ध्यान में रखना आवश्यक होता है।
Updated On: Nov 7, 2025
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Solution and Explanation

  • अंतर्यामी: 'अंतर्यामी' का अर्थ है वह जो सबके मन की बात जानता हो। यह शब्द आमतौर पर ईश्वर के लिए प्रयुक्त किया जाता है, क्योंकि वह सबकी अंतःस्थिति को जानने वाला माना जाता है।
  • दूरदर्शी: 'दूरदर्शी' का अर्थ है वह व्यक्ति जो भविष्य की संभावनाओं को पहले से समझने और आंकलन करने की क्षमता रखता हो। यह शब्द उन लोगों के लिए प्रयुक्त होता है, जो आने वाली परिस्थितियों का पूर्वानुमान लगाकर निर्णय लेते हैं।  
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