Question:

चित्रकला, संगीतकला या नृत्यकला की तरह कविता लेखन की कला सिखाई क्यों नहीं जा सकती? स्पष्ट कीजिए। 
 

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सृजनात्मक विधाओं का मूल तत्व केवल विधि नहीं, बल्कि भीतर से उपजी भावना होती है — यह उत्तर में अवश्य झलके।
Updated On: Jul 21, 2025
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Solution and Explanation

कविता लेखन एक ऐसी कलात्मक अभिव्यक्ति है, जो केवल तकनीकी ज्ञान से नहीं सीखी जा सकती।
चित्रकला, संगीत या नृत्य की भाँति कविता के भी कुछ नियम होते हैं, जैसे लय, छंद, अलंकार, परंतु ये केवल बाह्य ढाँचा प्रदान करते हैं।
कविता की आत्मा होती है — भाव, अनुभूति और संवेदना।
जब तक व्यक्ति के भीतर गहन संवेदनशीलता, कल्पना शक्ति और आत्मानुभूति न हो, वह कविता नहीं रच सकता।
इसे मात्र अभ्यास से नहीं, बल्कि भीतर की चेतना और अभिव्यक्ति की आकुलता से ही पैदा किया जा सकता है।
इसलिए कविता लेखन पूरी तरह सिखाई नहीं जा सकती — यह आत्मबोध और आत्मविकास से उपजती है।
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