मोबाइल फोन आज केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि छात्रों के लिए ज्ञान, जानकारी और नवाचार का एक शक्तिशाली उपकरण बन चुका है।
तकनीक की इस छोटी सी डिवाइस ने शिक्षा की दुनिया में क्रांति ला दी है।
ऑनलाइन कक्षाएँ, डिजिटल पुस्तकालय, शैक्षणिक ऐप्स, ई-पुस्तकें, नोट्स, वीडियो लेक्चर, क्विज़, और अभ्यास सामग्री — सब कुछ मोबाइल फोन की स्क्रीन पर उपलब्ध है।
विशेषकर कोविड-19 महामारी के दौरान मोबाइल फोन ने छात्रों को घर बैठे पढ़ाई जारी रखने में मदद की।
Google Classroom, Zoom, Microsoft Teams जैसे प्लेटफॉर्म्स ने ‘क्लासरूम इन योर पॉकेट’ को हकीकत बना दिया।
आज छात्र किसी भी विषय पर गूगल, यूट्यूब या ऐप के माध्यम से तुरंत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इसके अलावा, मोबाइल फोन छात्रों में तकनीकी साक्षरता भी बढ़ाता है। वे ईमेल, ऑनलाइन प्रेजेंटेशन, क्लाउड स्टोरेज, डाटा शेयरिंग आदि में दक्ष हो जाते हैं — जो भविष्य की नौकरी या शोध के लिए अनिवार्य है।
कई छात्र मोबाइल का उपयोग कर डिजिटल नोट्स बनाते हैं, रिमाइंडर सेट करते हैं और समय प्रबंधन में सहायता प्राप्त करते हैं।
हालाँकि, इसकी अंधाधुंध और असंयमित उपयोग से पढ़ाई में ध्यान भटक सकता है।
अतः छात्रों को इसका विवेकपूर्ण और समयबद्ध उपयोग करना चाहिए, ताकि यह साधन शिक्षा का सहयोगी बना रहे, बाधा नहीं।
अंततः, मोबाइल फोन छात्रों के लिए ‘मोबाइल लाइब्रेरी’ और ‘मोबाइल शिक्षक’ बन चुका है। उसका सही उपयोग उन्हें ज्ञान-समृद्ध, आत्मनिर्भर और भविष्य-तैयार बनाता है।