भारतीय दार्शनिक सम्प्रदायों के नाम लिखें।
Step 1: वर्गीकरण का आधार.
आस्तिक/नास्तिक का मानक वेद-प्रामाण्य है; ईश्वर-स्वीकृति अनिवार्य मानक नहीं (सांख्य आस्तिक होते हुए भी ईश्वर-निरपेक्ष)।
Step 2: आस्तिक छः दर्शन.
सांख्य–योग (मुक्ति-केन्द्रित), न्याय–वैशेषिक (तर्क–पदार्थ), पूर्वमीमांसा (कर्म–श्रुति), वेदान्त (ब्रह्म–आत्मा)।
Step 3: नास्तिक परम्पराएँ.
बौद्ध—अनित्य/अनात्म/प्रतीत्यसमुत्पाद; जैन—अनेकान्त, स्याद्वाद; चार्वाक—प्रत्यक्षवाद, भौतिकवादी दृष्टि।
Step 4: समन्वय.
विवाद के साथ परस्पर आलोचना–संवाद ने तर्क-पद्धतियों, नैतिक आदर्शों और साधना-मार्गों को परिपक्व किया।
भारतीय दर्शन की उत्पत्ति किससे मानी जाती है?
चार्वाक, बौद्ध और जैन किस दार्शनिक सम्प्रदाय में आते हैं?
भारतीय दर्शन की मूल दृष्टि है
'ऋत' सम्बन्धित है—
'कर्म' शब्द की उत्पत्ति हुई है—