Comprehension

निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित पूछे गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए :

भक्तिन के संस्कार ऐसे हैं कि वह कारागार से वैसे ही डरती है, जैसे यमलोक से। ऊँची दीवार देखते ही वह आँख मूँदकर बेहोश हो जाना चाहती है। उसकी यह कमजोरी इतनी प्रसिद्धि पा चुकी है कि लोग मेरे जेल जाने की संभावना बता-बताकर उसे चिंतित रहते हैं। वह डरती नहीं, यह कहना असत्य होगा; पर डर से भी अधिक महत्व मेरे साथ का ठहरता है। चुपचाप मुझसे पूछने लगती है कि वह अपनी कफ धोती साबुन से साफ़ कर ले, जिससे मुझे वहाँ उसके लिए लज्जित न होना पड़े। क्या-क्या सामान बाँध ले, जिससे मुझे वहाँ किसी प्रकार की असुविधा न हो सके। ऐसी यात्रा में किसी के किसी के साथ जाने का अधिकार नहीं, यह आश्वासन भक्तिन के लिए कोई मूल्य नहीं रखता। वह मेरे न जाने की कल्पना से इतनी प्रसन्न नहीं होती, जितनी अपने साथ न जा सकने की संभावना से अपमानित।

Question: 1

भविता किससे और कैसे डरती है ?

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ऐसे प्रश्नों में पात्र की आंतरिक मनोवस्था, प्रतीकात्मक तुलना और सामाजिक संदर्भ तीनों को साथ जोड़ना चाहिए।
Updated On: Jul 30, 2025
  • लोभियों से यमराज की तरह
  • ज़मींदार से यमराज की तरह
  • कारागार से यमलोक की तरह
  • फाँसी से बाबू की तरह
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The Correct Option is C

Solution and Explanation

गद्यांश में भविता की मनःस्थिति का अत्यंत मार्मिक चित्रण किया गया है। भविता भले ही स्वयं को निर्भीक और सहनशील दर्शाने की कोशिश करती है, परंतु भीतर से वह भय और असुरक्षा की भावना से ग्रसित है। वह कारागार को यमलोक के समान मानती है — एक ऐसा स्थान जहाँ जाना मृत्यु के समान है।
कारागार के उँचे दीवारों को देखकर उसका मन डर और असहायता से भर जाता है, और वह तुरंत वहाँ से आँखें हटा लेना चाहती है। यह डर बाहरी कारावास का नहीं, बल्कि उस सामाजिक उपेक्षा और अपमान का है जो एक स्त्री को जेल जाने पर झेलना पड़ता है।
इस भय में केवल सज़ा या पीड़ा नहीं, बल्कि समाज की दृष्टि से गिरने की आशंका अधिक भारी प्रतीत होती है। इसीलिए भविता को कारागार यमलोक की तरह प्रतीत होता है।
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Question: 2

‘ऐसी यात्रा में किसी को किसी के साथ जाने का अधिकार नहीं’ पंक्ति में ‘ऐसी यात्रा’ से अभिप्राय है:

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प्रश्नों में प्रयुक्त प्रतीकों या बिंबों (जैसे ‘ऐसी यात्रा’) को संदर्भ सहित समझाना उत्तर को सशक्त बनाता है।
Updated On: Jul 30, 2025
  • जेल यात्रा
  • तीर्थ यात्रा
  • अंतिम यात्रा
  • शोभा यात्रा
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

‘ऐसी यात्रा’ से गद्यांश में संकेत है उस कारावास की ओर जाने की प्रक्रिया का, जो न केवल शारीरिक कष्ट का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक बहिष्कार, अपमान और मानसिक वेदना से भी जुड़ा है। यह यात्रा एक ऐसी स्त्री के लिए है, जिसे अपने कर्मों के कारण जेल भेजा जा रहा है, परंतु समाज के दृष्टिकोण में वह पहले ही दोषी मान ली गई है।
गद्यांश की पात्रा ‘भविता’ के मन में यह बात स्पष्ट है कि यह यात्रा उसकी निजी नियति है — इसमें कोई सहयोगी नहीं हो सकता, न कोई परिवार, न समाज।
इस यात्रा में साथ न दिए जाने का अधिकार नहीं है — यह पंक्ति इस पीड़ा को और अधिक गहराई से उद्घाटित करती है। इस संदर्भ में यह यात्रा न तीर्थ है, न मृत्यु की अंतिम यात्रा, बल्कि जेल यात्रा का प्रतीक है — एक ऐसी स्थिति जो मनुष्य को अकेले सहनी पड़ती है।
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Question: 3

निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए गद्यांश के अनुसार सही कथन को चयनित कर लिखिए: 
 

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चरित्र के भावात्मक पक्ष को पहचानने के लिए उत्तर में उसके व्यवहार और मानसिकता को उद्धरणों से जोड़ना उपयोगी होता है।
Updated On: Jul 31, 2025
  • भवित्ता के मन में कारागार का कोई डर नहीं।
  • भवित्ता के मन में कारागार से भी बड़ा डर लेखिका का साथ छूटने का है।
  • भवित्ता के मन में कारागार से बड़ा कोई डर नहीं है।
  • भवित्ता कारागार छोड़कर, सब जगह लेखिका के साथ जाना चाहती है।
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The Correct Option is B

Solution and Explanation

गद्यांश में भवित्ता का चरित्र एक साहसी और आत्मगौरव से परिपूर्ण स्त्री के रूप में चित्रित हुआ है। वह जेल जाने से नहीं डरती — बल्कि वह तो इतनी बार बदनाम हो चुकी है कि समाज की आलोचना का भी उस पर असर नहीं होता। लेकिन उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण लेखिका का साथ है।
वह चाहती है कि लेखिका उससे विमुख न हो, उसके लिए शर्मिंदगी महसूस न करे। इसीलिए वह चाहती है कि जेल जाने से पहले उसके कपड़े और शरीर साफ-सुथरे रहें, ताकि वह लेखिका के सामने लज्जित न हो। यह दर्शाता है कि भवित्ता के मन में जेल का भय नहीं है, बल्कि वह लेखिका से संबंध टूटने की आशंका से भयभीत है।
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Question: 4

गद्यांश के आधार पर भवित्ता की चारित्रिक विशेषताओं के संदर्भ में कॉलम-I को कॉलम-II से सुसंगत कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए:

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Matching type प्रश्नों में सभी युग्मों को सोच-समझकर विश्लेषण करें, केवल एक सही मिलान पर्याप्त नहीं होता।
Updated On: Jul 30, 2025
  • 1-(iii), 2-(i), 3-(ii)
  • 1-(ii), 2-(iii), 3-(i)
  • 1-(i), 2-(ii), 3-(iii)
  • 1-(ii), 2-(i), 3-(iii)
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

1. भवित्ता की निडरता — असत्य (iii): गद्यांश में कहा गया है कि भवित्ता जेल जाने से नहीं डरती, यह कहना असत्य होगा — इसका आशय है कि वह साहसी है, पर डर से भी अधिक उसके लिए महत्वपूर्ण है लेखिका से न बिछुड़ना।
2. सामान का बाँधना — प्रबंधन कौशल (i): भवित्ता यात्रा के लिए आवश्यक वस्तुएँ, कपड़े आदि इस तरह से तैयार रखती है कि उसे कोई कठिनाई न हो — यह उसके व्यावहारिक दृष्टिकोण और प्रबंधन क्षमता को दर्शाता है।
3. लेखिका के साथ न जा पाना — अपमान (ii): भवित्ता के लिए जेल से अधिक दुखद यह है कि लेखिका उसके साथ नहीं जाएगी — यही उसके मन का सबसे बड़ा अपमान है। वह इस अपमान से बचने के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहती है।
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Question: 5

गद्यांश का केंद्रीय भाव हो सकता है: 
 

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‘केंद्रीय भाव’ निकालते समय पात्रों की भावनाओं, उनके क्रियाकलापों और कथन की दिशा का ध्यानपूर्वक विश्लेषण करें।
Updated On: Jul 31, 2025
  • भवित्ता की दूरदर्शिता
  • महादेवी के प्रति आत्मीयता
  • भवित्ता का कारावास से भय
  • भवित्ता का प्रबंधन-कौशल
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The Correct Option is B

Solution and Explanation

गद्यांश में भवित्ता की चिंता का मूल कारण जेल जाना नहीं है, बल्कि लेखिका (महादेवी वर्मा) से अलग होने की पीड़ा है। वह इस संभावना से अधिक व्यथित है कि कहीं वह ऐसी जगह न पहुँचे जहाँ लेखिका उसके साथ न जा सके।
वह अपनी सफ़ाई स्वयं करती है, अपने कपड़े तैयार रखती है, ताकि अगर उसे जाना पड़े तो वह लेखिका के लिए कोई कठिनाई या लज्जा का कारण न बने। यह सब उसके आत्मसम्मान से तो जुड़ा है ही, पर उससे कहीं अधिक उसकी लेखिका के प्रति आत्मीयता और गहरे भावनात्मक संबंध को दर्शाता है।
इसलिए, इस गद्यांश का केंद्रीय भाव भवित्ता की अपने प्रति नहीं, बल्कि लेखिका के प्रति आत्मीयता और प्रेम को दर्शाता है।
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