Date | Particulars | L.F. | Debit (₹) | Credit (₹) |
---|---|---|---|---|
Building A/c | 15,50,000 | |||
Machinery A/c | 11,40,000 | |||
Furniture A/c | 1,10,000 | |||
To Sundry Creditors A/c | 2,00,000 | |||
To Dhruv Ltd. | 25,00,000 | |||
To Capital Reserve A/c | 1,00,000 | |||
(Assets and liabilities acquired from Dhruv Ltd.) |
Total Value of Assets Taken = Building + Machinery + Furniture
= 15,50,000 + 11,40,000 + 1,10,000
= 28,00,000
Liabilities taken = 2,00,000
Net Assets Taken = 26,00,000
Purchase consideration = 25,00,000
Capital Reserve = Net Assets Taken – Purchase consideration
26,00,000 - 25,00,000 = 1,00,000
Face Value per Debenture: ₹100
Premium: 25%
Issue Price per Debenture: ₹100 + (25% of ₹100) = ₹125
Number of Debentures to be issued = Purchase Consideration / Issue Price per Debenture
Number of Debentures to be issued = 25,00,000 / 125 = 20,000 Debentures
Date | Particulars | L.F. | Debit (₹) | Credit (₹) |
---|---|---|---|---|
Dhruv Ltd. A/c | 25,00,000 | |||
To 12% Debentures A/c | 20,00,000 | |||
To Securities Premium Reserve A/c | 5,00,000 | |||
(Issue of 20,000; 12% Debentures of ₹100 each at a premium of 25% in satisfaction of purchase consideration) |
‘सूरदास में सरलता भी है और व्यावहारिक चतुराई भी’ — ‘सूरदास की झोंपड़ी’ पाठ के आधार पर इस दृष्टि से उसके व्यक्तित्व का विश्लेषण कीजिए।
लेखक की मालवा-यात्रा के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि पहले लोगों में आत्मीयता और अपनत्व का भाव अधिक था। आज इसमें जो परिवर्तन आया है, उसके कारणों को स्पष्ट कीजिए।
‘गाँव में मूल्य परिवर्तन अधिक स्पष्ट रूप से पहचाना जाता है।’ ‘बिस्कोहर की माटी’ पाठ के आधार पर सटीक उदाहरण इस कथन की पुष्टि कीजिए।
निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए:
हर की पौड़ी पर साँझ कुछ अलग रंग में उतरती है। दीया-बाती का समय या कह लो आरती की बेला। पाँच बजे जो फूलों के दोने एक-एक रुपए के बिक रहे थे, इस वक्त दो-दो के हो गए हैं। भक्तों को इससे कोई शिकायत नहीं। इतनी बड़ी-बड़ी मनोकामना लेकर आए हुए हैं। एक-दो रुपए का मुँह थोड़े ही देखना है। गंगा सभा के स्वयंसेवक खाकी वर्दी में मस्तेदी से घूम रहे हैं। वे सबको सीढ़ियों पर बैठने की प्रार्थना कर रहे हैं। शांत होकर बैठिए, आरती शुरू होने वाली है। कुछ भक्तों ने स्पेशल आरती बोल रखी है। स्पेशल आरती यानी एक सौ एक या एक सौ इक्यावन रुपए वाली। गंगा-तट पर हर छोटे-बड़े मंदिर पर लिखा है — ‘गंगा जी का प्राचीन मंदिर।’ पंडितगण आरती के इंतज़ाम में व्यस्त हैं। पीतल की नीलांजलि में सहस्त्र बातियाँ घी में भिगोकर रखी हुई हैं।
निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए:
पुर्ज़े खोलकर फिर ठीक करना मशीन काम नहीं है, लोग सीखते भी हैं, सिखाते भी हैं, अनाड़ी के हाथ में चाहे घड़ी मत दो जो घड़ीसाज़ी का इम्तहान पास कर आया हो। उसे तो देखने दो। साथ ही यह भी समझा दो कि आपको स्वयं घड़ी देखना, साफ़ करना और सुधारना आता है कि नहीं। हमें तो धोखा होता है कि परदादा की घड़ी जेब में डाले फिरते हो, वह बंद हो गई है, तुम्हें न चाबी देना आता है न पुर्ज़े सुधारना तब भी दूसरों के हाथ नहीं लगाने देते इत्यादि।