Question:

'अग्रपूजा' खण्डकाव्य के आधार पर 'श्रीकृष्ण' का चरित्र-चित्रण कीजिए। 
 

Show Hint

श्रीकृष्ण का चरित्र-चित्रण करते समय उनके विभिन्न रूपों (जैसे- दैवीय, मानवीय, राजनीतिक) का उल्लेख करें। राजसूय यज्ञ में उनके सेवा-भाव और शिशुपाल-वध के समय उनके रौद्र-रूप, दोनों का वर्णन उत्तर को संतुलित बनाता है।
Updated On: Nov 11, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

'अग्रपूजा' खण्डकाव्य के नायक भगवान श्रीकृष्ण हैं। उनके चरित्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
लोक-रक्षक और धर्म-संस्थापक: श्रीकृष्ण का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करना और अधर्म का नाश करना है। वे दुष्टों का दमन करके सज्जनों की रक्षा करते हैं। शिशुपाल का वध उनके इसी रूप को प्रकट करता है।
महान राजनीतिज्ञ एवं कूटनीतिज्ञ: वे एक कुशल राजनीतिज्ञ हैं। वे युधिष्ठिर को राजसूय यज्ञ करने की प्रेरणा देते हैं ताकि भारत के सभी राजा एक छत्र के नीचे आ सकें और एक अखण्ड राष्ट्र का निर्माण हो।
विनयशील और निरभिमानी: अलौकिक शक्तियों के स्वामी होते हुए भी वे अत्यंत विनम्र हैं। वे युधिष्ठिर के यज्ञ में ब्राह्मणों के पैर धोने और जूठी पत्तलें उठाने जैसा सेवा-कार्य भी सहजता से करते हैं।
अपार शक्ति के स्वामी: वे अलौकिक शक्तियों से सम्पन्न हैं। उनके सुदर्शन चक्र के तेज से सभी परिचित हैं। अग्रपूजा के समय वे अपने विराट रूप का प्रदर्शन करते हैं।
पाण्डवों के हितैषी: वे पाण्डवों के परम हितैषी और सच्चे पथ-प्रदर्शक हैं। वे हर संकट में उनकी सहायता करते हैं और उन्हें धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।
Was this answer helpful?
0
0