Question:

'अग्निपूजा' खण्डकाव्य के द्वितीय सर्ग की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए।

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कथावस्तु लिखते समय सर्ग की मुख्य घटनाओं को क्रमबद्ध और संदेश को संक्षेप में अवश्य लिखें।
Updated On: Oct 28, 2025
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Solution and Explanation

Step 1: प्रस्तावना.
'अग्निपूजा' खण्डकाव्य के द्वितीय सर्ग में युद्ध की भीषणता और धर्म-अधर्म के संघर्ष का गहन चित्रण किया गया है। इसमें अग्नि को युद्ध और बलिदान का प्रतीक बनाकर प्रस्तुत किया गया है।

Step 2: मुख्य प्रसंग.
द्वितीय सर्ग में पांडवों के साहस, शौर्य और कर्तव्यनिष्ठा का वर्णन है। युद्धभूमि की ज्वालाओं के बीच उनका संघर्ष और धर्म की रक्षा के लिए उनका संकल्प स्पष्ट दिखाई देता है। अग्निपूजा के रूप में बलिदान और धर्मपालन का आदर्श प्रस्तुत किया गया है।

Step 3: भाव और संदेश.
इस सर्ग में कवि ने यह संदेश दिया है कि धर्म की रक्षा और अन्याय के विनाश के लिए संघर्ष करना आवश्यक है। बलिदान ही धर्मयुद्ध की आत्मा है।

Step 4: सार.
द्वितीय सर्ग युद्ध की ज्वालाओं में धर्म और सत्य की स्थापना तथा बलिदान की महिमा का वर्णन करता है।

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