आज के डिजिटल युग में संचार का सबसे बड़ा साधन मोबाइल फोन बन चुका है।
हर गाँव, हर कस्बे, हर गली में नेटवर्क की पहुँच के लिए मोबाइल टॉवरों की संख्या में तीव्र वृद्धि हो रही है।
यह सुविधा के साथ-साथ कई समस्याओं को भी जन्म दे रही है।
जहाँ एक ओर यह टॉवर संचार को आसान बना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इनके विद्युत-चुंबकीय विकिरण मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकते हैं।
इनसे निकलने वाली तरंगें बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।
इसके अतिरिक्त, ये टॉवर पर्यावरणीय सौंदर्य को भी प्रभावित करते हैं।
संचार सुविधाएँ आवश्यक हैं, परन्तु इनके विस्तार के साथ-साथ वैज्ञानिक दिशा-निर्देशों का पालन भी अनिवार्य है।
संतुलन और सतर्कता से ही हम सुरक्षित और उन्नत समाज की ओर बढ़ सकते हैं।