बारिश की रिमझिम बूंदें जब धरती पर गिरती हैं, तो बच्चों के चेहरे पर मुस्कान छा जाती है।
छोटे-छोटे पाँवों से पानी में कूदना, मिट्टी में खेलना, और भीगते हुए हँसना बच्चों की स्वाभाविक चंचलता को दर्शाता है।
बारिश उनके लिए केवल जल की बूंदें नहीं, बल्कि उत्साह, आनंद और स्वच्छंदता का प्रतीक है।
माता-पिता उन्हें रोकते हैं, परन्तु उनका मन कहता है — “एक बार तो भीगने दो!”
इन क्षणों में बच्चों का प्राकृतिक प्रेम और सरल जीवनदृष्टि झलकती है।
बारिश में खेलना न केवल एक आनंददायक अनुभव है, बल्कि बच्चों को प्रकृति से जोड़ने का एक सुंदर माध्यम भी है।
यह अनुभव उनके बचपन की अमिट स्मृति बन जाता है।