List of top Questions asked in Maharashtra Class X Board

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर गद्यांश में एक-एक वाक्य में हों :
वाणी ईश्वर द्वारा मनुष्य को दी गई एक बड़ी देन है। वह मनुष्य
के चिंतन का फलित है और उसका साधन भी। चिंतन के बगैर वाणी
नहीं और वाणी के बगैर चिंतन नहीं और दोनों के बगैर मनुष्य नहीं।
मनुष्य के जीवन का समाधान वाणी के संयम और उसके सदुपयोग
पर निर्भर है। मनुष्य के सारे चिंतनशास्त्र वाणी पर आधारित हैं। दर्शनों
का सारा प्रयास विचारों को वाणी में ठीक-से पेश करने के लिए रहा
है। वाणी विचार का शरीर ही है। कोई खास विचार किसी खास शब्द
में ही समाता है। इसलिए गंभीर चिंतन करने वाले निश्चित वाणी की
खोज करते रहते हैं।
पतंजलि के बारे में कहते हैं कि उसने चित्तशुद्धि के लिए योगसूत्र
लिखे, शरीरशुद्धि के लिए वैद्यक लिखा और वाक्शुद्धि के लिए व्याकरण
महाभाष्य लिखा।

निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
इस वर्ष बड़ी भीषण गरमी पड़ रही थी। दिन तो अंगारे से तपे रहते
ही थे, रातों में भी लू और उमस से चैन नहीं मिलता था। सोचा इस लिजलिजे
और घुटनभरे मौसम से राहत पाने के लिए कुछ दिन पहाड़ों पर बिता आएँ।
अगले सप्ताह ही पर्वतीय स्थल की यात्रा पर निकल पड़े। दो-तीन दिनों
में ही मन में सुकून-सा महसूस होने लगा था। वहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य, हरे-भरे
पहाड़ गर्व से सीना ताने खड़े, दीर्घता सिद्ध करते वृक्ष, पहाड़ों की नीरवता में
हल्का-सा शोर कर अपना अस्तित्व सिद्ध करते झरने, मन बदलाव के लिए
पर्याप्त थे।
उस दिन शाम के वक्त झील किनारे टहल रहे थे। एक भुट्टेवाला आया
और बोला-"साब, भुट्टा लेंगे। गरम-गरम भूनकर मसाला लगाकर दूँगा। सहज
ही पूछ लिया-"कितने का है ?"
"पाँच रुपये का।"
"क्या? पाँच रुपये में एक भुट्टा। हमारे शहर में तो दो रुपये में एक