Comprehension

निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
इस वर्ष बड़ी भीषण गरमी पड़ रही थी। दिन तो अंगारे से तपे रहते
ही थे, रातों में भी लू और उमस से चैन नहीं मिलता था। सोचा इस लिजलिजे
और घुटनभरे मौसम से राहत पाने के लिए कुछ दिन पहाड़ों पर बिता आएँ।
अगले सप्ताह ही पर्वतीय स्थल की यात्रा पर निकल पड़े। दो-तीन दिनों
में ही मन में सुकून-सा महसूस होने लगा था। वहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य, हरे-भरे
पहाड़ गर्व से सीना ताने खड़े, दीर्घता सिद्ध करते वृक्ष, पहाड़ों की नीरवता में
हल्का-सा शोर कर अपना अस्तित्व सिद्ध करते झरने, मन बदलाव के लिए
पर्याप्त थे।
उस दिन शाम के वक्त झील किनारे टहल रहे थे। एक भुट्टेवाला आया
और बोला-"साब, भुट्टा लेंगे। गरम-गरम भूनकर मसाला लगाकर दूँगा। सहज
ही पूछ लिया-"कितने का है ?"
"पाँच रुपये का।"
"क्या? पाँच रुपये में एक भुट्टा। हमारे शहर में तो दो रुपये में एक

Question: 1

संजाल पूर्ण कीजिए : 

 

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प्राकृतिक सौंदर्य, जैसे हरे-भरे पहाड़, ऊँचे वृक्ष, झरनों की ध्वनि, और नीरवता, मन को सुकून और आनंद प्रदान करते हैं।
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Question: 2

प्रकृति मन को प्रसन्न करती है' विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।

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प्रकृति से जुड़कर हमें मानसिक शांति और आनंद मिलता है, इसलिए हमें इसका सम्मान और संरक्षण करना चाहिए।
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प्रकृति हमें शांति और आनंद प्रदान करती है। हरे-भरे जंगल, ऊँचे पहाड़, बहते झरने, और शुद्ध हवा हमारे मन को सुकून देते हैं। प्राकृतिक सुंदरता हमें मानसिक तनाव से मुक्त कर सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है। पक्षियों का चहचहाना, नदियों की कलकल ध्वनि, और ठंडी हवाएँ मन को नई ताजगी देती हैं। इसलिए, हमें प्रकृति के संरक्षण की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए।
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