यह वह विश्वास, नहीं जो अपनी लघुता में भी काँपा,
वह पीड़ा, जिस की गहराई को स्वयं उसी ने नापा~;
कुर्स्ता, अपमान, अवज्ञा के धुँधलाते कड़वे तम में
यह सदा-द्रवित, चिर-जागरूक, अमुक्त – नेत्र,
उल्लंब-बाहु, यह चिर-अखंड अपनापा~।
जिज्ञासु, प्रबुद्ध, सदा श्रद्धामय, इसको भी भक्ति को दे दो --
यह दीप, अकेला, स्नेह भरा
है गर्व भरा मदमाता, पर इसको भी पंक्ति को दे दो~।
सोदाहरण स्पष्ट कीजिए कि ‘बनारस’ कविता, बनारस शहर के प्रति कवि के मोह की भी अभिव्यक्ति है।
‘सरोज स्मृति’ कविता में कवि ‘स्वर्गीया प्रिया’ को क्यों और किस रूप में याद कर रहा है ?
‘तोड़ो’ कविता का कवि किन झूठे बंधनों को तोड़ने की बात कर रहा है ? उसने धरती के प्रति कैसे भाव व्यक्त किए हैं ?
‘कविता-लेखन’ के संबंध में कौन-से दो मत मिलते हैं ? आप स्वयं को किस मत का समर्थक मानते हैं और क्यों ?
''तोड़ो'' कविता में विध्वंस की नहीं बल्कि सृजन की प्रेरणा दी गई है – सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
Write a letter to the editor of a local newspaper expressing your concerns about the increasing “Pollution levels in your city”. You are an environmentalist, Radha/Rakesh, 46, Peak Colony, Haranagar. You may use the following cues along with your own ideas: 

