Question:

'त्यागपथी' खण्डकाव्य के 'चतुर्थ सर्ग' की घटना अपने शब्दों में लिखिए।

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'त्यागपथी' का चतुर्थ सर्ग संघर्ष, आत्मत्याग और समाज के प्रति समर्पण की भावना को प्रदर्शित करता है।
Updated On: Nov 15, 2025
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Solution and Explanation

'त्यागपथी' खण्डकाव्य के चतुर्थ सर्ग में संघर्ष, आत्मबल और त्याग की भावना का चरमोत्कर्ष देखने को मिलता है। यह सर्ग नायक के जीवन में एक निर्णायक मोड़ प्रस्तुत करता है।
संघर्ष की गाथा: नायक कठिन परिस्थितियों का सामना करता है और समाज के उत्थान हेतु त्याग का संकल्प लेता है।
आत्मबलिदान की भावना: वह अपने व्यक्तिगत हितों को छोड़कर समाज के कल्याण के लिए समर्पित हो जाता है।
दृष्टिकोण में परिवर्तन: इस सर्ग में नायक का दृष्टिकोण और अधिक दृढ़ हो जाता है, जिससे वह जीवन की नई राह पर अग्रसर होता है।
समाज को प्रेरणा: यह सर्ग पाठकों को प्रेरित करता है कि समाज में परिवर्तन लाने के लिए त्याग और संघर्ष आवश्यक हैं।
चतुर्थ सर्ग त्याग, सेवा और निःस्वार्थ कर्तव्य भावना को उजागर करने वाला महत्वपूर्ण भाग है।
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