'त्यागपथी' खण्डकाव्य एक प्रेरणादायक धार्मिक और दार्शनिक काव्य है, जो त्याग, बलिदान और समाज के प्रति निष्ठा के आदर्शों पर आधारित है। यह खण्डकाव्य जीवन के सच्चे उद्देश्य और नैतिकता के महत्व को उजागर करता है। इसमें नायक और नारी पात्रों के माध्यम से त्याग और समर्पण के मार्ग पर चलने का संदेश दिया गया है।
'त्यागपथी' खण्डकाव्य की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
त्याग और बलिदान: इस काव्य में प्रमुख पात्रों के माध्यम से त्याग और बलिदान की महत्वपूर्ण बातें व्यक्त की गई हैं। पात्रों ने अपने व्यक्तिगत सुखों को त्यागकर समाज और परिवार के भले के लिए अपने कर्तव्यों को निभाया।
धर्म और नैतिकता: काव्य में धर्म और नैतिकता का सर्वोच्च महत्व है। यह खण्डकाव्य यह संदेश देता है कि जीवन में सच्चाई, धर्म और नैतिकता के मार्ग पर चलकर ही व्यक्ति समाज में आदर्श स्थापित कर सकता है।
सामाजिक सुधार: 'त्यागपथी' में सामाजिक सुधार की दिशा में कदम उठाने और बुराईयों के खिलाफ खड़ा होने का संदेश दिया गया है। काव्य में समाज की अच्छाई और शुद्धता के लिए संघर्ष और बलिदान की प्रेरणा दी जाती है।
आध्यात्मिक दृष्टिकोण: यह खण्डकाव्य आध्यात्मिक दृष्टिकोण को प्रमुख रूप से प्रस्तुत करता है, जिसमें आत्मा की शुद्धि और जीवन के उच्चतम उद्देश्य (मोक्ष) की प्राप्ति के लिए कर्तव्यों को निभाने पर बल दिया गया है।
नारी पात्रों की महिमा: खण्डकाव्य में नारी पात्रों का महत्वपूर्ण स्थान है। नारी पात्रों का चित्रण त्याग, समर्पण, और समाज के प्रति जिम्मेदारी के प्रतीक के रूप में किया गया है।
आत्मविश्वास और साहस: काव्य में नायक और नायिकाओं के पात्र आत्मविश्वास और साहस के प्रतीक हैं, जो जीवन के कठिन संघर्षों का सामना करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं।
इस प्रकार, 'त्यागपथी' खण्डकाव्य एक आदर्श और प्रेरणादायक काव्य है, जो त्याग, बलिदान, और समाज के प्रति जिम्मेदारी के महत्व को उजागर करता है।