'सत्य की जीत' खण्डकाव्य का प्रमुख पुरुष पात्र एक आदर्श नायक है, जिसकी चरित्र विशेषताएँ उसे एक सशक्त नेता और संघर्षशील व्यक्ति बनाती हैं। उसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
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\item नैतिकता और सत्य के प्रति निष्ठा: नायक सत्य के प्रति अपनी निष्ठा पर अडिग रहता है। वह हमेशा सत्य के मार्ग पर चलता है, चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं।
\item धैर्य और संयम: नायक हर कठिन परिस्थिति में धैर्य और संयम बनाए रखता है। वह अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए समाज में सुधार लाने के लिए संघर्ष करता है।
\item साहस और नेतृत्व क्षमता: नायक में साहस और नेतृत्व की अद्वितीय क्षमता है। वह असत्य के खिलाफ खड़ा होता है और अपने सिद्धांतों को समाज में फैलाता है।
\item बलिदान और त्याग: नायक अपने व्यक्तिगत सुख और इच्छाओं का बलिदान करता है, ताकि समाज में सत्य और न्याय की स्थापना हो सके।
\item समाज के प्रति जिम्मेदारी: नायक अपनी जिम्मेदारी को समझता है और समाज के भले के लिए अपने सभी प्रयासों को समर्पित करता है। वह लोगों को प्रेरित करता है कि वे सत्य के मार्ग पर चलें।
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इस पात्र का चरित्र न केवल एक आदर्श पुरुष का, बल्कि समाज में सत्य की स्थापना और असत्य के खिलाफ संघर्ष करने वाले व्यक्ति का प्रतीक है।