'सत्य की जीत' खण्डकाव्य की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
सत्य और न्याय का प्रमुख स्थान: 'सत्य की जीत' में सत्य और न्याय को प्रधानता दी गई है। काव्य के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि सत्य के मार्ग पर चलने से ही अंततः विजय प्राप्त होती है, भले ही रास्ता कठिन क्यों न हो।
धैर्य और साहस का संचार: खण्डकाव्य में जीवन की कठिन परिस्थितियों का सामना करने के लिए धैर्य और साहस को विशेष रूप से दर्शाया गया है। महाभारत की घटनाओं और उनके पात्रों के माध्यम से यह सिद्ध किया गया है कि अंततः सत्य की विजय होती है।
मनोबल और आस्था: काव्य में मनोबल और आस्था की महत्वपूर्ण भूमिका है। पात्रों का यह विश्वास कि सत्य हमेशा विजयी होता है, उन्हें अपने संघर्षों में जीत दिलाता है।
महत्वपूर्ण पात्रों का चित्रण: 'सत्य की जीत' खण्डकाव्य में द्रौपदी, युधिष्ठिर, अर्जुन और भगवान श्री कृष्ण जैसे प्रमुख पात्रों का गहरे और प्रभावशाली चित्रण किया गया है। इनके द्वारा दर्शाए गए मूल्य और गुण पाठकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनते हैं।
धार्मिक और नैतिक संदेश: काव्य के माध्यम से धार्मिक और नैतिक शिक्षा का प्रचार किया गया है। यह पाठकों को जीवन के सही मार्ग पर चलने और सत्य का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करता है।
'सत्य की जीत' खण्डकाव्य न केवल एक साहित्यिक रचना है, बल्कि यह जीवन के मूल्यों, सत्य, और न्याय की गहरी शिक्षा प्रदान करती है।