'सत्य की जीत' खण्डकाव्य में सत्य, संघर्ष और विजय की भावना को उजागर करने वाली प्रमुख घटनाएँ वर्णित हैं। यह काव्य सत्य के मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति की कठिनाइयों और उसकी विजय की प्रेरणादायक गाथा प्रस्तुत करता है।
अन्याय और असत्य का प्रभाव:
प्रारंभ में समाज में असत्य और अन्याय का बोलबाला होता है, जिससे लोग भयभीत और पीड़ित होते हैं।
सत्य का उदय और संघर्ष:
नायक अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाता है और सत्य की रक्षा के लिए संघर्ष करता है, जिससे समाज में जागृति आती है।
विपत्तियों का सामना:
सत्य के मार्ग पर चलते हुए नायक को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, लेकिन वह अपने सिद्धांतों से विचलित नहीं होता।
सत्य की विजय:
अंततः सत्य और न्याय की जीत होती है, जिससे यह प्रमाणित होता है कि सत्य कभी पराजित नहीं होता और असत्य अधिक समय तक नहीं टिकता।
'सत्य की जीत' खण्डकाव्य हमें यह प्रेरणा देता है कि सत्य का मार्ग कठिन अवश्य होता है, लेकिन अंततः विजय उसी की होती है।