स्तंभ लेखन के स्वरूप पर प्रकाश डालिए।
विद्यापति और जायसी की नायिकाओं में किस प्रकार की समानता है ? पठित पदों के आधार पर किन्हीं दो का उल्लेख कीजिए।
नाटक लिखते समय मंचन की दृष्टि से किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए ?
जंगल सफ़ारी के दौरान अचानक हाथियों के झुंड से घिर जाना - लगभग 100 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए
मेले में बिताया एक दिन - लगभग 100 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए
अगर विद्यालय और अधिक समावेशी (इन्क्लूसिव) हों तब ........- लगभग 100 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए
‘सूरदास में सरलता भी है और व्यावहारिक चतुराई भी’ — ‘सूरदास की झोंपड़ी’ पाठ के आधार पर इस दृष्टि से उसके व्यक्तित्व का विश्लेषण कीजिए।
लेखक की मालवा-यात्रा के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि पहले लोगों में आत्मीयता और अपनत्व का भाव अधिक था। आज इसमें जो परिवर्तन आया है, उसके कारणों को स्पष्ट कीजिए।
‘गाँव में मूल्य परिवर्तन अधिक स्पष्ट रूप से पहचाना जाता है।’ ‘बिस्कोहर की माटी’ पाठ के आधार पर सटीक उदाहरण इस कथन की पुष्टि कीजिए।
निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए:
हर की पौड़ी पर साँझ कुछ अलग रंग में उतरती है। दीया-बाती का समय या कह लो आरती की बेला। पाँच बजे जो फूलों के दोने एक-एक रुपए के बिक रहे थे, इस वक्त दो-दो के हो गए हैं। भक्तों को इससे कोई शिकायत नहीं। इतनी बड़ी-बड़ी मनोकामना लेकर आए हुए हैं। एक-दो रुपए का मुँह थोड़े ही देखना है। गंगा सभा के स्वयंसेवक खाकी वर्दी में मस्तेदी से घूम रहे हैं। वे सबको सीढ़ियों पर बैठने की प्रार्थना कर रहे हैं। शांत होकर बैठिए, आरती शुरू होने वाली है। कुछ भक्तों ने स्पेशल आरती बोल रखी है। स्पेशल आरती यानी एक सौ एक या एक सौ इक्यावन रुपए वाली। गंगा-तट पर हर छोटे-बड़े मंदिर पर लिखा है — ‘गंगा जी का प्राचीन मंदिर।’ पंडितगण आरती के इंतज़ाम में व्यस्त हैं। पीतल की नीलांजलि में सहस्त्र बातियाँ घी में भिगोकर रखी हुई हैं।