Question:

सूक्ति की हिन्दी में व्याख्या कीजिए : शरीरं पाञ्चभौतिकम्

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सूक्ति की व्याख्या करते समय, उसके शाब्दिक अर्थ के साथ-साथ उसके दार्शनिक या नैतिक संदेश को भी स्पष्ट करें।
Updated On: Nov 17, 2025
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Solution and Explanation

व्याख्या:
इस सूक्ति का अर्थ है कि 'शरीर पाँच महाभूतों से बना है'।
भारतीय दर्शन के अनुसार, यह सम्पूर्ण सृष्टि और इसमें विद्यमान सभी प्राणियों के शरीर पाँच मूल तत्वों से मिलकर बने हैं। ये पंच महाभूत हैं - पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश।
मृत्यु के पश्चात् यह शरीर पुनः इन्हीं पाँच तत्वों में विलीन हो जाता है। यह सूक्ति हमें शरीर की नश्वरता का बोध कराती है और हमें यह संदेश देती है कि हमें इस नाशवान शरीर पर अहंकार नहीं करना चाहिए, बल्कि इसका उपयोग अच्छे कर्मों के लिए करना चाहिए।
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