Question:

हिन्दी में व्याख्या कीजिए :मरणान्तं हि जीवितम् ।

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सूक्ति की व्याख्या करते समय, उसके शाब्दिक अर्थ के साथ-साथ उसके दार्शनिक या नैतिक संदेश को भी स्पष्ट करें। यहाँ संदेश जीवन की नश्वरता और सत्कर्मों का महत्व है।
Updated On: Nov 17, 2025
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Solution and Explanation

व्याख्या:
इस सूक्ति का अर्थ है - 'जीवन का अंत मृत्यु में ही होता है'।
यह एक शाश्वत सत्य है कि जिसने भी इस पृथ्वी पर जन्म लिया है, उसकी मृत्यु निश्चित है। जीवन का प्रारम्भ जन्म से होता है और उसका अंत मृत्यु पर होता है। यह सूक्ति हमें जीवन की नश्वरता का बोध कराती है। इसका संदेश यह है कि मनुष्य को इस छोटे से जीवन काल में अहंकार और द्वेष को त्यागकर अच्छे कर्म करने चाहिए, क्योंकि अंत में यह शरीर और संसार की सभी वस्तुएँ यहीं रह जानी हैं। हमें मृत्यु के भय से भयभीत नहीं होना चाहिए, बल्कि उसे जीवन का एक स्वाभाविक परिणाम मानकर स्वीकार करना चाहिए।
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