Question:

संस्कृत गद्यांशका हिन्दी में अनुवाद कीजिए: नैतिकमूल्यैः व्यक्तेः सामाजिकी प्रतिष्ठाभिवर्धते । मानवकल्याणाय नैतिकता आवश्यकी । नैतिकतैव व्यक्तेः, समाजस्य, राष्ट्रस्य, लोकस्य कल्याणं कुरुते । नैतिकताचरणेनैव मनुष्येषु त्यागः, तपः, विनयः, सत्यं, न्यायप्रियता एवमन्येऽपि मानवीया गुणाः उत्पद्यन्ते । तदाचरणेन व्यक्तेः समाजस्य च जीवनम् अनुशासितं निष्कण्टकं च भवति । व्यक्तेः समाजस्य, वर्गस्य देशस्य च समुन्नयनावसरो लभ्यते ।

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अनुवाद करते समय, संस्कृत के प्रत्येक शब्द के अर्थ को समझें और फिर हिंदी में व्याकरण की दृष्टि से सही वाक्य बनाएँ। विभक्ति और वचन का ध्यान रखने से अनुवाद सटीक होता है।
Updated On: Nov 17, 2025
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Solution and Explanation

हिन्दी अनुवाद:
नैतिक मूल्यों से व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ती है। मानव कल्याण के लिए नैतिकता आवश्यक है।
नैतिकता ही व्यक्ति, समाज, राष्ट्र और विश्व का कल्याण करती है। नैतिकता के आचरण से ही मनुष्यों में त्याग, तपस्या, विनय, सत्य, न्यायप्रियता और इसी प्रकार अन्य मानवीय गुण उत्पन्न होते हैं।
उसके (नैतिकता के) आचरण से व्यक्ति और समाज का जीवन अनुशासित और कंटकरहित (बाधारहित) होता है। व्यक्ति, समाज, वर्ग और देश को उन्नति का अवसर प्राप्त होता है।
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